जयपुर राजस्थान विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्य सरकार के पुलिस कार्मिकों के मैस बहिष्कार को रोकने के आदेश को अनुचित करार दिया है। उन्होंने इसे पुलिस कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया और सरकार को उनकी समस्याओं का उचित समाधान निकालने की अपील की।
प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने कहा कि राज्य सरकार पुलिसकर्मियों की मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है, जिससे वे होली जैसे महापर्व का बहिष्कार करने को मजबूर हुए। अब जब पुलिसकर्मियों ने 18 मार्च को मैस बहिष्कार का निर्णय लिया है, तो सरकार ने इसे जबरन रोकने का आदेश जारी कर दिया है।
सरकार के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारा 17 मार्च को आदेश क्रमांक 305 जारी किया गया।
इस आदेश में पुलिस आयुक्त, रेंज महानिरीक्षक, जिला पुलिस अधीक्षकों, कमांडेंट (आरएसी बटालियन) और प्रशिक्षण संस्थानों को पुलिसकर्मियों के मैस बहिष्कार को रोकने के निर्देश दिए गए।
प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने इसे कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया और इस फैसले की निंदा की।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता पुलिसकर्मियों के मनोबल को गिराएगी।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार का अभिन्न अंग होते हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करे और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि मारो और रोने भी मत दो की नीति पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सरकार से आग्रह किया कि वह पुलिसकर्मियों की समस्याओं का समाधान निकालने की दिशा में ठोस कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए और पुलिसकर्मियों की मांगों को सुनना चाहिए। प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के बजाय सरकार को कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
पुलिसकर्मियों ने 18 मार्च को मैस बहिष्कार का निर्णय लिया।सरकार ने पुलिस महानिदेशक (DGP) के माध्यम से बहिष्कार रोकने का आदेश दिया।टीकाराम जूली ने इसे अनुचित करार देते हुए आदेश की निंदा की। सरकार से पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान की अपील की।