जयपुर नेटथियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज प्रसिद्ध बांसुरी वादक अनिल कुमार शर्मा ने अपनी मधुर बांसुरी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जब उन्होंने बांसुरी पर स्वर छेड़े तो ऐसा प्रतीत हुआ मानो श्रीकृष्ण की बांसुरी गोपियों को रिझा रही हो।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि जयपुर के उभरते बांसुरी वादक अनिल शर्मा ने कार्यक्रम की शुरुआत शास्त्रीय राग बिहाग से की।
उन्होंने राग बिहाग में अलाप, जोड़, झाला और बंदिश प्रस्तुत कर दर्शकों को रोमांचित किया।इसके बाद मध्य लय में गत और द्रुत गत से माहौल और संगीतमय हो गया।उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को शास्त्रीय संगीत की गहराइयों तक पहुंचा दिया।
अनिल शर्मा ने भक्ति रस में सराबोर करते हुए भजन "वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे" प्रस्तुत किया।कार्यक्रम का समापन राजस्थानी लोकधुन "लांगुरिया" से किया, जिसने पूरे माहौल को राजस्थानी लोकसंगीत की सुगंध से भर दिया।
इस कार्यक्रम में युवा तबला वादक मानवेंद्र डांगी ने अपनी उंगलियों का जादू बिखेरते हुए अनिल शर्मा की बांसुरी संगत में ताल का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।उनकी सधी हुई तबला संगत ने संगीत प्रेमियों को बांसुरी की मधुर तान में खो जाने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी और इम्पीरियल प्राइम कैपिटल के मनीष अग्रवाल ने कलाकारों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।कार्यक्रम को कैमरा मनोज स्वामी और आलोक पारीक ने कैद किया।संगीत संयोजन जीवतेश शर्मा और मंच सज्जा अंकित शर्मा "नोनू" द्वारा की गई।
इस कार्यक्रम ने जयपुर के संगीत प्रेमियों को एक अनूठा अनुभव दिया। दर्शकों ने कहा कि बांसुरी की यह प्रस्तुति शास्त्रीय संगीत की गरिमा और लोकधुनों की मिठास को जीवंत कर गई।