राजस्थान विधानसभा में बिना बहस के जीएसटी संशोधन बिल, भरतपुर विकास प्राधिकरण बिल और बीकानेर विकास प्राधिकरण बिल पारित कर दिए गए। इस पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ा विरोध जताया और विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि तीनों बिलों पर एक-एक दिन की चर्चा होनी चाहिए थी।उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह राजस्थान की जनता के साथ अन्याय है।नियम 213 के तहत विधानसभा शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर बिल पेश किया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने देरी की।"हम कितना भी ऑब्जेक्शन करें, आपके पास बहुमत है, आप इसे पारित करोगे, लेकिन यह बिल जनता के हित में नहीं हैं।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा विकास कार्यों में बाधा डालती रही है।"भरतपुर और बीकानेर के समुचित विकास के लिए प्राधिकरण की जरूरत थी, लेकिन कांग्रेस बहाने बनाकर विरोध कर रही है।"विकास के विरुद्ध रहने वाली पार्टी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए," - संसदीय कार्य मंत्री।
विपक्ष सरकार पर हमलावर रहेगा और आने वाले सत्रों में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगा।सरकार अपनी विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने का दावा करेगी।इससे विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और बढ़ सकता है।
राजस्थान विधानसभा में बिना बहस के तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया और वॉकआउट कर दिया। सरकार इसे विकास का कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे लोकतंत्र की अनदेखी करार दे रहा है।