जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (JCTSL) में बसों का संचालन करने वाली कंपनी पारस ट्रैवल्स को नियम विरुद्ध 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किए जाने का मामला सामने आया है। यह अतिरिक्त भुगतान तीन वर्षों (2022-2025) में हुआ, जबकि इस दौरान छह एमडी और तीन ओएसडी बदले, लेकिन किसी अधिकारी ने इस गड़बड़ी को नहीं रोका।
2022 में पारस ट्रैवल्स को 50 मिडी बसों के संचालन का ठेका दिया गया, जिसे बाद में बढ़ाकर 100 बसें कर दिया गया।टेंडर शर्तों के अनुसार, एसी बस के लिए प्रति किमी 44.53 रुपये और नॉन एसी बस के लिए 42.21 रुपये भुगतान किया जाना था।210 किमी तक 100% भुगतान और उससे अधिक किमी पर 75% भुगतान का नियम था।लेकिन अधिकारियों ने सभी बसों के लिए पूरा भुगतान कर दिया, जिससे कंपनी को 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा हुआ।
2022-23 में 1.55 करोड़ रुपये,2023-24 में 1.75 करोड़ रुपये,2024-25 में 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
इस दौरान जेसीटीएसएल के एमडी रहे:राजेंद्र किशन, जोगराम, अजिताभ शर्मा,रामवतार मीणा,पुखराज सैन, पुरुषोत्तम शर्मा
कंपनी ने बसों के लिए अलग से बिजली कनेक्शन ले रखा था, लेकिन चोरी से जेसीटीएसएल के ट्रांसफार्मर से बिजली ले रही थी।विद्युत विभाग ने 2.34 लाख रुपये का लोडिंग सरचार्ज लगाकर बिल भेजा।इस गड़बड़ी से जेसीटीएसएल को 6 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 4 साल पहले पारस ट्रैवल्स के मालिक नरेश सिंघल को रिश्वत देने के आरोप में पकड़ा था।यह रिश्वत जेसीटीएसएल के एमडी को 4 लाख रुपये की पहली किश्त के रूप में दी गई थी।रिश्वत बस टेंडर प्रक्रिया में रियायतें, डिपो पर आवास और सुविधाएं लेने के लिए दी जा रही थी।
जेसीटीएसएल के मौजूदा एमडी नारायण सिंह ने कहा कि यह मामला सोमवार को सामने आया है और इसकी जांच की जाएगी।गलत भुगतान हुआ तो कंपनी से रिकवरी होगी और दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (JCTSL) में पारस ट्रैवल्स को हुए 5 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भुगतान और बिजली चोरी का मामला बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। इस घोटाले में पिछले तीन वर्षों में छह एमडी और कई अधिकारी शामिल रहे हैं, लेकिन किसी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की। अब सरकार की जांच रिपोर्ट के बाद यह तय होगा कि इस घोटाले में कौन-कौन दोषी हैं और क्या कार्रवाई होगी।