मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने विकसित राजस्थान-2047 की योजना में महिलाओं की भागीदारी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को उनका अधिकार देना, उनकी उम्मीदों को खुला आसमान देना और हर अवसर में उनकी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।"
उन्होंने महिला उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, खेल जगत, साहित्य, मीडिया, राजनीति, सामाजिक क्षेत्र और प्रशासन में कार्यरत महिलाओं से बातचीत की और उनकी चुनौतियों व उपलब्धियों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने महिला जनप्रतिनिधियों और सरपंचों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि महिला जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों को गरीबी मुक्त बनाने के लिए कार्य करें।"
महिला सरपंचों ने बताया कि उन्होंने लड़कियों के स्किल डेवलपमेंट और खेलों में भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए हैं।
मुख्यमंत्री ने खेलों में प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली महिला खिलाड़ियों को समाज में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हम 2036 के ओलंपिक के लिए अभी से प्रतिभाओं को तराशने का काम शुरू करें।"
राज्य सरकार वन डिस्ट्रिक्ट-वन स्पोर्ट नीति के तहत खेल प्रतिभाओं को सुविधाएं दे रही है। खेल मैदान, हॉस्टल और कोचिंग सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं से संवाद करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति में महिलाओं को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि जो महिलाएं सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही हैं, उनकी बात सुनकर माताओं-बहनों में विश्वास पैदा होता है।"
उन्होंने महिलाओं से ज्ञान-विज्ञान और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीविका स्वयं सहायता समूहों और लखपति दीदी योजना से जुड़ी महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं।
उन्होंने कहा किहमारी माताओं-बहनों की छोटी शुरुआत ही उन्हें तरक्की की ऊंचाइयों तक ले जाएगी।"
ड्रोन दीदी, पशु सखी और बैंक सखी जैसी योजनाएं महिलाओं को सशक्त बना रही हैं।
मुख्यमंत्री ने रेडियो जॉकी, टीवी एंकर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स से कहा कि समाज का नेतृत्व करने के लिए जनता का विश्वास जीतना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मीडिया में काम कर रही महिलाओं की कही गई बातों का व्यापक असर होता है।"
महिला मीडिया प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा मजबूत हुई है, जिससे कामकाजी महिलाओं को रात्रि में बाहर निकलने में असुरक्षा महसूस नहीं होती।
इस संवाद में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिलाओं ने भाग लिया, जिनमें शामिल थीं:
महिला जनप्रतिनिधि: ब्रजलता हाड़ा (अजमेर महापौर), मीतू बोथरा (नागौर सभापति)
खेल जगत: पैराशूटर अवनि लेखरा, स्क्वैश खिलाड़ी सुरभि मिश्रा, तीरंदाज स्वाति दूधवाल
मीडिया: अर्चना शर्मा,रूमा देवी, प्रियंका दवे
महिला उद्यमी: सुमन सिंघानिया, ऐश्वर्या झाबर, अंकिता खंडेलवाल
सामाजिक कार्यकर्ता: दीपक कालरा (उमंग संस्था), लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि: डॉ. मंजरी पंत (यूनिसेफ), तृषा पारीक (UNFPA)
महिलाओं ने पहली बार महिला दिवस पर मुख्यमंत्री द्वारा सीधा संवाद करने की पहल का स्वागत किया और महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार की नीतियों की सराहना की।