महिला कांस्टेबल और उसके बेटे के साथ अश्लील वीडियो वायरल होने के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने डीएसपी हीरालाल सैनी की बहाली पर रोक लगा दी है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह फैसला राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए दिया।
डीएसपी हीरालाल सैनी का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद बिना जांच के निलंबन और बर्खास्तगी की गई थी।10 अक्टूबर 2024 को हाई कोर्ट की एकलपीठ ने डीएसपी की बहाली का आदेश देते हुए बकाया परिलाभ देने के निर्देश दिए थे।राज्य सरकार ने इस आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में अपील दायर की और इसे अनुचित करार दिया।
सरकार की दलील:सरकार ने एकलपीठ के आदेश को अनुचित बताते हुए कहा कि डीएसपी की पुन: बहाली और बकाया परिलाभ देने का फैसला उचित नहीं था।सरकार ने तर्क दिया कि ऐसे गंभीर मामले में अधिकारी को वापस सेवा में लेना गलत होगा।
डीएसपी की ओर से पेश दलील:वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने डीएसपी का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार ने बिना जांच के ही बर्खास्तगी का फैसला लिया था।एकलपीठ ने अपने आदेश में जांच के बिना सीधे बर्खास्तगी को अवैध करार दिया था।डीएसपी के वकील ने तर्क दिया कि सरकार को पहले उचित जांच करनी चाहिए थी और फिर निर्णय लेना चाहिए था।
हाई कोर्ट की खंडपीठ का फैसला:एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार की अपील को प्राथमिकता दी गई।मामले को फाइनल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए।
अब मामले की विस्तृत सुनवाई होगी, जिसके बाद तय होगा कि डीएसपी हीरालाल सैनी की बर्खास्तगी जायज थी या नहीं। फिलहाल वे बहाल नहीं होंगे और आदेश पर अंतिम निर्णय फाइनल सुनवाई के बाद ही आएगा।