राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन 6 फरवरी की कार्यवाही भी भारी गहमागहमी और हंगामे के साथ शुरू हुई। नए जिले और संभागों को खत्म करने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। कांग्रेस विधायकों ने नीमकाथाना और गंगापुर सिटी जिलों को समाप्त करने के खिलाफ विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव रखा, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
नीमकाथाना से कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संभाग और जिलों का दर्जा समाप्त कर जनता के साथ अन्याय और अत्याचार किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के चलते युवाओं के भविष्य और क्षेत्र के विकास को खत्म करने का फैसला लिया।
विधायक मोदी ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में भाजपा के तीनों सांसद चुनाव हार गए और 21 में से 14 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीती, जिससे भाजपा अपनी हार नहीं पचा पाई और जिले खत्म कर दिए। उन्होंने सरकार से पूछा कि जब डीग जिले को इसलिए रखा गया क्योंकि वह दूसरे राज्य (उत्तर प्रदेश) की सीमा से सटा हुआ है, तो फिर नीमकाथाना की हरियाणा सीमा से निकटता को क्यों अनदेखा किया गया?
कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने बिना किसी मानक परीक्षण के 3 संभाग और 9 जिलों को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि पंवार कमेटी को पहले ही यह आदेश था कि नीमकाथाना जिले को हटाया जाए, जबकि इस क्षेत्र का दौरा भी नहीं किया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार को सभी हटाए गए जिलों को वापस घोषित करना चाहिए।
विधि और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार को नए जिले बनाने और खत्म करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियां, प्रशासनिक संरचना, जनभावना, पिछड़ापन और कानून व्यवस्था जैसे बिंदुओं के आधार पर ही जिले बनाए या खत्म किए जाते हैं।
पटेल ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि राजस्थान में अब तक जितने भी जिले बने हैं, वे भाजपा सरकार में बने हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने लंबे शासनकाल में एक भी नया जिला नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ के लिए बिना सोचे-समझे 17 जिले बना दिए थे।
सवाल-जवाब के दौरान बस्सी से निर्दलीय विधायक लक्ष्मण मीणा ने क्षेत्र की खराब सड़कों का मुद्दा उठाया। इस पर डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार से उन्हें विरासत में "सड़कें नहीं बल्कि गड्ढे" मिले थे। उन्होंने कहा कि अब भाजपा सरकार राज्य की सभी खराब सड़कों की मरम्मत करवा रही है।
इस दौरान निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने साइबर ठगी के मामलों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि साइबर थाने केवल ₹3 लाख से अधिक की ठगी के मामले ही दर्ज कर रहे हैं, जिससे छोटे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा।
इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार से सवाल किया कि 36 महीनों में केवल 36 मुकदमे ही दर्ज हुए हैं, तो फिर साइबर थाने का क्या मतलब रह गया? उन्होंने मांग की कि साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करने की न्यूनतम सीमा हटाई जाए।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) मामलों पर चर्चा के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ACB में 1,592 केस दर्ज हुए हैं, लेकिन 403 मामलों में अभी तक सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है।
सराफ ने सवाल किया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार के प्रति "जीरो टॉलरेंस" नीति पर सरकार चल रही है, तो पेंडिंग मामलों को लेकर कैबिनेट सब कमेटी क्यों नहीं बनाई जा रही?
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भाजपा विधायक जसवंत यादव के सवाल के जवाब में कहा कि बहरोड़ के बंद पड़े मिडवे को जल्द फिर से शुरू किया जाएगा।
विधानसभा में शून्य काल के दौरान स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस के विधायक हरिमोहन शर्मा ने रामगढ़ अभ्यारण्य में वन विभाग की लापरवाही के कारण एक बाघिन और उसके बच्चे की मौत की जांच की मांग की। राष्ट्रीय लोकदल के विधायक सुभाष गर्ग ने भरतपुर शहर में ड्रेनेज सिस्टम की गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग की। भाजपा विधायक गोपाल लाल शर्मा ने भीलवाड़ा डिपो में कोविड-19 के दौरान बंद हुई बस सेवाओं को फिर से शुरू करने की मांग की।भाजपा विधायक बाबू सिंह ने जनता जल योजना के कर्मचारियों को नियमित वेतन नहीं मिलने का मुद्दा उठाया।भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने ब्यावर शहर के दिलवाड़ा और दिग्गी मोहल्ले में बंद हुए बालिका विद्यालयों को फिर से खोलने की मांग की।
विधानसभा में लंच ब्रेक के बाद नियम 295 के तहत कांग्रेस के विधायक रफीक खान ने जयपुर में जाम की समस्या का मामला उठाया और सरकार से ट्रैफिक जवानों की भर्ती करने की मांग रखी। भाजपा के विधायक उदयलाल ने मॉडल में 500 बीघा औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट लेकरविभिन्न प्रभावशाली लोगहोटल बार और अन्य धंधा करने में लग गए हैं।उन्होंने कहा कि उद्योगों की जगह दूसरा धंधा किया जा रहा है उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। भाजपा के विधायकगोपाल लाल शर्मा ने भीलवाड़ा डिपो में कॉविड के दौरान बंद बसों को फिर से शुरू करने की मांग की।कांग्रेस के विधायक विद्याधर सिंह नेउनके विधानसभा क्षेत्र के पंचायत भवन पर ताला लगाने का विरोध किया और वहां पर ग्राम पंचायत ऑफिस खुलने की मांग रखी।
विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण पर बहस की शुरुआत भाजपा विधायक अनीता बघेल ने की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों ने संविधान का अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान में संशोधन लोगों के हित में किए हैं।
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने जल जीवन मिशन में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान इस योजना में ₹6,803 करोड़ खर्च हुए थे, जबकि भाजपा सरकार ने अब तक केवल ₹344 करोड़ खर्च किए हैं।
भाजपा विधायक देवी सिंह शेखावत ने भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल को सफल बताते हुए कहा कि बिना भेदभाव के हर विधानसभा क्षेत्र में बजट आवंटित किया गया।
वहीं कांग्रेस विधायक अमित चाचन ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।