राजस्थान विधानसभा में जिले खत्म करने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शून्यकाल में विपक्ष को मुद्दा उठाने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में यह फैसला वापस ले लिया।
इस फैसले से नाराज कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कार्यवाही दो बार स्थगित की।पहली बार कुछ देर के लिए स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो विपक्ष का विरोध जारी रहा और गतिरोध खत्म नहीं हुआ।इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में शून्य काल को बीच में समाप्त कर भोजन अवकाश घोषित कर दिया।
कांग्रेस ने सरकार पर जन विरोधी फैसले लेने का आरोप लगाया और मांग की कि इस मुद्दे पर सदन में तत्काल चर्चा हो। विधानसभा अध्यक्षवासुदेव देवनानी ने कहा कि इसके फैसले के लिए पहले उनके चेंबर में दोनों पक्षों से बातचीत की जाएगी उसके बाद फैसला कियाजाएगा।इस बात को लेकर विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा किया वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे शून्य काल में कांग्रेस के सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया।
वहीं दूसरी औरसंसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है ऐसे में विधानसभा में चर्चा नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिलों को पुनर्गठित करने का निर्णय प्रशासनिक सुधार के तहत लिया गया है।