Monday, 03 February 2025

भाजपा में जिलाध्यक्ष चुनाव की डेडलाइन खत्म, नियुक्तियों से होगा चयन, प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी टला, मदन राठौड़ के नाम पर मुहर लगभग तय


भाजपा में जिलाध्यक्ष चुनाव की डेडलाइन खत्म, नियुक्तियों से होगा चयन, प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी टला, मदन राठौड़ के नाम पर मुहर लगभग तय

राजस्थान भाजपा में जिलाध्यक्षों के चुनाव की डेडलाइन 31 जनवरी को समाप्त हो चुकी है, लेकिन अब भी 17 जिलों में जिलाध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो पाया। पार्टी ने अब इन जिलों में चुनाव कराने की बजाय नियुक्ति प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया है। पार्टी का पूरा फोकस प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन पर शिफ्ट हो गया है, जो कि 5 फरवरी को प्रस्तावित था, लेकिन इसके भी टलने की संभावना जताई जा रही है।

अब जिलाध्यक्ष चुनाव नहीं, होगी नियुक्ति: भाजपा के 44 जिलों में से अब तक 27 जिलों में जिलाध्यक्ष का चुनाव हो चुका है, जबकि 17 जिलों में चुनाव बाकी हैं।

जयपुर शहर, जयपुर देहात उत्तर, बीकानेर शहर, झुंझूनूं, दौसा, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, जोधपुर उत्तर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बारां, बूंदी और झालावाड़ ऐसे जिले हैं जहां अब तक जिलाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ है। इन जिलों में जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया को अब बंद कर दिया गया है और नव निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष ही इन जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे।

प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी टल सकता है ! :भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन 5 फरवरी तक होना था, लेकिन अब इसके आगे खिसकने की संभावना है।इस पद पर मदन राठौड़ का निर्वाचन लगभग तय माना जा रहा है। मदन राठौड़ इस समय संसद सत्र में भाग लेने के लिए दिल्ली में हैं, जिससे उनके निर्वाचन की प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी विधानसभा सत्र में व्यस्त हैं, इसलिए पार्टी चाहती है कि पहले कुछ जिलों में जिलाध्यक्ष का चुनाव निपटा दिया जाए और फिर प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन हो।

भाजपा की रणनीति और संभावित परिवर्तन:पार्टी की योजना थी कि कुछ और जिलों में सहमति बनाकर जिलाध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाए, लेकिन अब यह मुश्किल नजर आ रहा है।अब प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी।जिलाध्यक्ष पदों पर नियुक्तियों के बाद भाजपा संगठन को मजबूती देने के लिए नई रणनीति तैयार करेगी।

क्या कह रहा है भाजपा नेतृत्व?: भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की प्राथमिकता अब संगठन को मजबूत करने की है।प्रदेशाध्यक्ष के निर्वाचन में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी, क्योंकि यह पद प्रदेश भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।पार्टी चाहती है कि जिलाध्यक्षों और प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत हो।अब देखना यह होगा कि भाजपा कब तक प्रदेशाध्यक्ष के नाम की आधिकारिक घोषणा करती है और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया कब तक पूरी होती है।

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