राजस्थान सरकार ने विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया, जिसमें लव जिहाद के खिलाफ सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने रविवार को यह विधेयक प्रस्तुत किया, जिसे अब बजट सत्र में विस्तृत चर्चा के लिए रखा जाएगा। चर्चा के बाद इसे विधानसभा में पारित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
मुख्य प्रावधान:स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन पर कलक्टर को सूचना देना अनिवार्य:किसी भी व्यक्ति को अपनी मर्जी से धर्म बदलने से 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होगी।यदि बिना पूर्व सूचना के धर्म परिवर्तन किया जाता है, तो इसे अवैध माना जाएगा।विधेयक के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति ऐसा करने में असफल रहता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
लव जिहाद के खिलाफ कड़े नियम:विधेयक में लव जिहाद को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।यदि कोई व्यक्ति केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह करता है, तो इसे लव जिहाद माना जाएगा।यदि यह साबित होता है कि विवाह का मुख्य उद्देश्य धर्म परिवर्तन था, तो फैमिली कोर्ट इस विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है।ऐसे मामलों में, विवाह को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है।
विधानसभा में विधेयक पर आगे की प्रक्रिया:बजट सत्र में विधेयक पर विस्तृत चर्चा होगी।विधानसभा कार्यकाल सलाहकार समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।चर्चा के बाद, इसे विधानसभा में पारित कर कानून का रूप दिया जाएगा।
सरकार की मंशा और संभावित विवाद:राजस्थान सरकार का कहना है कि यह विधेयक बलपूर्वक धर्मांतरण को रोकने और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। हालांकि, इस विधेयक को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के बीच विवाद की संभावना है। कुछ संगठनों का मानना है कि यह विधेयक व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर रोक लगाने का प्रयास हो सकता है, जबकि सरकार इसे सामाजिक सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम बता रही है।अब देखना यह होगा कि आगामी बजट सत्र में इस विधेयक पर कैसी बहस होती है और क्या यह बिना किसी संशोधन के पारित हो पाता है।