Friday, 31 January 2025

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सचिन पायलट, बोले- "राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिले, महाकुंभ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए"


जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सचिन पायलट, बोले- "राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिले, महाकुंभ पर राजनीति नहीं होनी चाहिए"

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) 2025 में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ पर राजनीति, राजस्थान के विकास और केंद्र सरकार के बजट को लेकर कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी।

उन्होंने कहा कि "मैं हर साल जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आता हूं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि दुनिया भर में प्रसिद्ध इस फेस्टिवल का जन्म जयपुर में हुआ। हमें इसे और बड़ा बनाना चाहिए ताकि राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा मिले और रोजगार के अवसर बढ़ें।"

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सिर्फ विचारों के आदान-प्रदान का मंच नहीं, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का भी माध्यम है।"

राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग: सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जिसकी जनसंख्या 8 करोड़ से अधिक है। इसके बावजूद केंद्र सरकार राजस्थान की अनदेखी कर रही है।

"पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्थान का नाम तक नहीं लिया था। कोई नई राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं हुई, कोई नई रेल लाइन नहीं मिली, बड़े प्रोजेक्ट नहीं दिए गए। यह राजस्थान के साथ अन्याय है।"

"राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए ताकि निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ सकें।"

महाकुंभ पर राजनीति करने वालों पर निशाना:प्रयागराज महाकुंभ में हिस्सा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि धर्म और आस्था निजी मामला है, इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।"हर व्यक्ति को अपने धर्म और मजहब की पालना करने की पूरी छूट है। लेकिन आस्था का दिखावा या राजनीति नहीं होनी चाहिए।"

"धर्म और राजनीति को मिलाना सही नहीं है, इससे देश की गंगा-जमुनी तहजीब प्रभावित होती है।"

विधानसभा सत्र और भाजपा सरकार पर हमला:सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा सत्र पर भी बात की और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।"हम विधानसभा में भाजपा सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा रखेंगे। सरकार बनने के बाद स्कूलों को बंद किया गया, जिलों को खत्म किया गया, यह गलत नीतियां हैं। हम इसका जवाब सदन में मांगेंगे।"

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