मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने नए जिलों में प्रशासनिक ढांचा सुदृढ़ करने और आमजन को इन जिलों के गठन का वास्तविक लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से नई जिला परिषदों के गठन और प्रभावित जिला परिषदों के पुनर्गठन का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
नए जिलों में जिला परिषद गठन और पुनर्गठन: राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम के तहत 8 नए जिले और 12 प्रभावित जिलों में जिला परिषदों का गठन और पुनर्गठन किया जाएगा।संबंधित जिला कलक्टर पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के आधार पर इन प्रस्तावों को तैयार करेंगे।
कलेक्टरों द्वारा तैयार प्रस्तावों को सार्वजनिक अवलोकन के लिए जारी किया जाएगा। आमजन से एक महीने के भीतर आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।राज्य सरकार के परीक्षण और अनुमोदन के बाद नई अधिसूचना जारी की जाएगी।
नवसृजित जिलों को प्रशासनिक मजबूती: सरकार का उद्देश्य प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करना है ताकि नवसृजित जिलों और पुनर्गठित जिलों में लोगों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में राजस्थान में 17 नए जिलों और 3 नए संभागों के गठन का निर्णय लिया था। हालांकि, उन जिलों में नई जिला परिषदों का गठन नहीं किया गया था।
हाल ही में राज्य सरकार ने मंत्रिमंडलीय बैठक में जिलों का पुनर्निधारण किया और 8 नए जिलों में नई जिला परिषदों के गठन का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि नई जिला परिषदों के गठन से आमजन को सुगम प्रशासन और विकास योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम ग्रामीण विकास को गति देगा और पंचायत स्तर पर प्रशासन को और अधिक सशक्त बनाएगा।
विकास कार्यों में तेजी: जिला परिषदों के गठन से ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
सुविधाओं का विकेंद्रीकरण: नए जिलों के साथ बेहतर योजनाएं और संसाधन आमजन तक पहुंचेंगे।