राजस्थान हाईकोर्ट ने जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर (JSO) और जूनियर एन्वायर्नमेंट इंजीनियर (JEE) भर्ती परीक्षा का परिणाम दोबारा जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (IBPS) को दो महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता और कानूनी मानकों के तहत पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट का निर्णय: जस्टिस समीर जैन की अदालत ने नरपत सुरेला और महेंद्र जाखड़ सहित अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाते हुए कहा कि IBPS द्वारा भर्ती प्रक्रिया करवाई गई, जबकि राज्य में सामान्यत: यह कार्य राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) या कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से किया जाता है।
भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं: याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने कोर्ट को बताया कि आंसर-की जारी नहीं की गई: परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र और OMR शीट नहीं दी गई।
आपत्तियां नहीं मांगी गईं: अभ्यर्थियों से किसी प्रकार की आपत्तियां दर्ज कराने का मौका नहीं दिया गया।
पारदर्शिता की कमी: पूरी भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई और पारदर्शिता का अभाव रहा।
भर्ती प्रक्रिया का पुनर्निर्देश:हाईकोर्ट ने IBPS को निर्देश दिया कि:भर्ती प्रक्रिया के तहत आंसर-की जारी करें और अभ्यर्थियों से आपत्तियां लें।आपत्तियों का निस्तारण एक्सपर्ट कमेटी से करवाएं।फाइनल आंसर-की जारी कर चयनित अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित करें।चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दें।
चयनित अभ्यर्थियों पर प्रभाव:हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो अभ्यर्थी पहले चयनित हो चुके हैं, उन्हें फिलहाल नियमित नहीं किया जाएगा। यदि नए परिणाम में वे चयनित नहीं होते, तो उनसे किसी प्रकार की रिकवरी नहीं की जाएगी।
पदों की जानकारी: JSO के 59 और JEE के 53 पदों के लिए अक्टूबर 2023 में विज्ञापन जारी किया गया था। आवेदन प्रक्रिया 18 अक्टूबर से 17 नवंबर 2023 तक चली थी।