राजस्थान एसओजी ने डिजिटल ठगी और नकली ED-CBI ऑफिसर बनकर हाईप्रोफाइल लोगों को ठगने वाली गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग अब तक 40 से ज्यादा वारदातों को अंजाम देकर करोड़ों रुपए ठग चुकी है। पहली बार इस शातिर गैंग के सभी 16 सदस्यों को पकड़ा गया है।
गैंग के सदस्यों की पृष्ठभूमि:एसओजी की जांच में पता चला कि इस गैंग में पांचवीं पास से लेकर वकील, टीचर, आईटीआई प्रशिक्षित और अकाउंटेंट जैसे पेशेवर लोग शामिल हैं। गैंग के हर सदस्य की अलग-अलग जिम्मेदारी थी, और बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाले को ज्यादा कमीशन दिया जाता था। गिरोह के सदस्य कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में इस अपराध में शामिल हुए।
कैसे फंसे गैंग के सदस्य:गिरोह राजस्थान में बैठकर दूसरे राज्यों में वारदातें करता था, जिससे वे लंबे समय तक पकड़ से बाहर रहे। लेकिन बीते महीने अजमेर की एक महिला से 80 लाख की ठगी के बाद गैंग एसओजी की रडार पर आ गई। 15 दिसंबर को एसओजी ने पूरे गैंग को धर दबोचा।
गिरोह का तरीका:गैंग के सदस्य डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को डराते और उन्हें फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देकर ठगी करते थे। आरोपियों ने हर वारदात को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञता और कानूनी ज्ञान का इस्तेमाल किया गया।
एसओजी की कार्रवाई और खुलासे:एसओजी ने गैंग के सदस्यों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। गिरोह ने करोड़ों रुपए की ठगी की है और अलग-अलग राज्यों में सक्रिय था। इस गैंग के पकड़े जाने से कई अन्य ठगी के मामलों का भी खुलासा होने की उम्मीद है।