Wednesday, 04 December 2024

राजस्थान के सलूंबर और डूंगरपुर जिलों को राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार—2024 से सम्मानित


राजस्थान के सलूंबर और डूंगरपुर जिलों को राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार—2024 से सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर राजस्थान के सलूंबर और डूंगरपुर जिलों को राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार—2024 से सम्मानित किया। यह पुरस्कार इन जिलों द्वारा दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समावेशन में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया गया।

पुरस्कार समारोह

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में सलूंबर जिले की ओर से जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू और डूंगरपुर जिले की ओर से जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया। यह आयोजन केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया गया।

सलूंबर के प्रयास

सलूंबर के जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने बताया कि ‘सुगम्य भारत अभियान’ के तहत 1,000 से अधिक सरकारी इमारतों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। इसके लिए रैंप और लिफ्ट जैसी सुविधाएं विकसित की गईं।

  • दिव्यांगजनों की पहचान: घर-घर सर्वेक्षण कर 5,900 दिव्यांग प्रमाण पत्र और 4,400 यूडीआईडी कार्ड जारी किए गए।
  • सहयोग: गैर सरकारी संगठनों और विभिन्न विभागों के सहयोग से बेहतर सुगमता और जागरूकता सुनिश्चित की गई।

डूंगरपुर के प्रयास

डूंगरपुर के जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने ‘नो वन लेफ्ट बिहाइंड’ अभियान के तहत दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में कई नवाचार किए।

  • पेंशन और यूडीआईडी कार्ड: 8,692 दिव्यांगजनों को पेंशन और 5,100 यूडीआईडी कार्ड जारी।
  • स्वयं सहायता समूह: 217 समूहों के माध्यम से 1,057 दिव्यांगजनों को सहायता।
  • मनरेगा में भागीदारी: 7,232 दिव्यांगजनों ने 2.5 लाख कार्य दिवस सृजित कर 4.60 करोड़ रुपये की मजदूरी अर्जित की।

राष्ट्रीय पुरस्कार का महत्व

यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उन व्यक्तियों, संगठनों और प्रशासनिक इकाइयों को दिया जाता है जो दिव्यांगजनों के कल्याण और सशक्तिकरण में उत्कृष्ट कार्य करते हैं। इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है।

राजस्थान ने रचा नया अध्याय

सलूंबर और डूंगरपुर के प्रयासों ने न केवल दिव्यांगजनों के जीवन को सरल और सम्मानजनक बनाया है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का मान भी बढ़ाया है।

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