मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सुविधाओं का उन्नयन करने, पोषण आहार की गुणवत्ता की नियमित समीक्षा करने और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में पारदर्शिता:
मुख्यमंत्री ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और सघन निरीक्षण की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
‘लाडो प्रोत्साहन योजना’:
बालिकाओं की शिक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने वाली इस योजना के तहत एक साथ 1 लाख लाभार्थियों को 2500 रुपये की किस्त हस्तांतरित की जाएगी।
‘मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना’:
आंगनबाड़ी के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन दूध उपलब्ध कराने की योजना जल्द शुरू होगी, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्रों का विस्तार:
महिलाओं को सामाजिक एवं पारिवारिक स्तर पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए इन केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
ड्रॉप आउट बालिकाओं के लिए शिक्षा सेतु योजना:
बालिकाओं को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संस्थानों को प्रोत्साहित करने का निर्देश।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में कुपोषण उन्मूलन के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम किया जाएगा। इसके साथ ही कौशल विकास योजनाओं के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बच्चे समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं। उनकी प्रगति के बिना विकास अधूरा है। राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांतों पर आधारित प्रभावी कदम उठा रही है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, राज्यमंत्री मंजू बाघमार और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।