मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में भरतपुर विकास प्राधिकरण (बीडीए) के गठन को मंजूरी दी गई। यह फैसला भरतपुर के विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से लिया गया है। बीडीए के तहत नगर विकास न्यास (यूआईटी) को समाप्त कर, शहर के साथ 209 नए गांवों को शामिल किया जाएगा।
भरतपुर विकास प्राधिकरण (BDA):नगर सुधार न्यास के 53 गांवों के अलावा 209 गांव प्राधिकरण में जोड़े जाएंगे।20-22 किलोमीटर का क्षेत्र बीडीए के अंतर्गत आएगा।बीडीए में आयुक्त का पद होगा, जिसे आईएएस अधिकारी संभालेंगे।
फायदे: भरतपुर के विकास की योजना और क्रियान्वयन में तेजी आएगी।शहर के बाहरी क्षेत्रों में आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं को बल मिलेगा।बीडीए का बजट यूआईटी के 200 करोड़ से बढ़कर 1000 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।नई नौकरियों और व्यवसायों के अवसर पैदा होंगे।
शहर का विस्तार:दायरा: सारस से ऊंचा नगला, बाबूला, सौंख-गोवर्धन रोड, और सेवर तक का क्षेत्र।स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के साथ बेहतर बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
प्राधिकरण के पद:कमिश्नर, सचिव, भूमि अवाप्ति अधिकारी, तहसीलदार, टाउन प्लानर सहित विभिन्न पद स्वीकृत।30 जेईएन, 7 लेखाधिकारी और अन्य तकनीकी और प्रशासनिक स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
जनता की प्रतिक्रिया: शहरवासियों और व्यापारिक संगठनों ने बीडीए के गठन का स्वागत किया है। उन्होंने इसे भरतपुर के स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
अध्यादेश: भरतपुर विकास प्राधिकरण के लिए "भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024" लाया जाएगा, जो इस परियोजना को कानूनी रूप से लागू करेगा। यह फैसला भरतपुर को एक नई पहचान और आर्थिक, शहरी तथा सामाजिक विकास का केंद्र बनाने में सहायक होगा।