महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्पष्ट किया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की कोई लालसा नहीं है और भाजपा का जो भी फैसला होगा, वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने एनडीए की एकता और भाजपा नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य की जनता और सुचारू शासन है।
शिंदे का बयान: शिंदे ने कहा, "मुझे पद की लालसा नहीं है। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मोदी जी ने मेरा पूरा समर्थन किया। अब भाजपा जो फैसला लेगी, वह मुझे स्वीकार है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने 26 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की और यह स्पष्ट किया कि एनडीए के भीतर कोई "स्पीड ब्रेकर" नहीं है। शिंदे ने कहा कि वह सरकार गठन में किसी तरह की अड़चन नहीं बनेंगे।
जनता और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद: एकनाथ शिंदे ने अपनी सफलता का श्रेय जनता और कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा आम आदमी की तरह काम किया। जनता का समर्थन और कार्यकर्ताओं की मेहनत ही हमारी ताकत है। चुनाव के समय हमने सुबह 5 बजे तक काम किया। यह जनता की विजय है।"
एनडीए की एकता पर जोर: शिंदे ने कहा कि भाजपा और उनके गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए भाजपा जो भी फैसला करेगी, वह सभी के लिए स्वीकार्य होगा।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: महाराष्ट्र में हाल ही में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हुआ है। एनडीए के नेतृत्व में सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है, और इस संदर्भ में भाजपा का मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना पर चर्चा तेज है।