हाईकोर्ट ने रेलवे के गति शक्ति योजना के तहत सांभर-फुलेरा में बनने वाले मल्टी कार्गो टर्मिनल प्रोजेक्ट को 10 गुना पेड़ लगाने की शर्त पर मंजूरी दे दी है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने मेरिडियन फाउंडेशन की जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए यह आदेश दिया।
मेरिडियन फाउंडेशन ने याचिका में पेड़ काटने के लिए दी गई एनओसी और प्रशासन के नीलामी आदेश को रद्द करने की मांग की थी। याचिका में दलील दी गई कि प्रशासन ने पेड़ों को बचाने के लिए कोई वैकल्पिक उपाय नहीं तलाशा और सीधे कटाई की अनुमति दे दी।
सरकार और रेलवे का पक्ष:
सरकार का बयान: राज्य सरकार ने अदालत में बताया कि वन और राजस्व विभाग ने सभी आवश्यक एनओसी जारी कर दी है। एनओसी की शर्तों के अनुसार, काटे गए पेड़ों के बदले पांच गुना पेड़ लगाए जाएंगे।
रेलवे का पक्ष: रेलवे ने कहा कि पेड़ों को हटाने के लिए कंपनी ने उपखंड अधिकारी को आवेदन दिया था, जिसके बाद 4 जुलाई को एडीएम ने सशर्त अनुमति दी। शर्तों के अनुसार, कंपनी को दस फीट ऊंचाई के पांच गुना पेड़ लगाने होंगे।
हाईकोर्ट का फैसला:
हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए आदेश दिया कि कंपनी काटे गए पेड़ों के बदले 10 गुना पेड़ लगाए। अदालत ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह शर्त लगाई है ताकि पेड़ों की कटाई का प्रभाव कम किया जा सके।
पर्यावरणीय प्रभाव:
रेलवे के गति शक्ति योजना के तहत बनाए जा रहे इस मल्टी कार्गो टर्मिनल के लिए 617 पेड़ों की कटाई होगी, जिसमें 565 खेजड़ी के पेड़ शामिल हैं। अदालत के आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि पर्यावरणीय संतुलन बना रहे।