Friday, 15 November 2024

समरावता गांव में हिंसा पर सचिन पायलट की प्रतिक्रिया: कानून व्यवस्था पर सवाल, मुआवजे की मांग


समरावता गांव में हिंसा पर सचिन पायलट की प्रतिक्रिया: कानून व्यवस्था पर सवाल, मुआवजे की मांग

टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं टोंक विधायक सचिन पायलट ने राज्य की भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है। पायलट ने महिलाओं, बच्चियों और बुजुर्गों के साथ हुई मारपीट की निंदा करते हुए इसे बर्बरता करार दिया। उन्होंने निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की और कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की बहाली होनी चाहिए, क्योंकि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है।

जिला प्रशासन का दौरा: निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन

जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा और पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने समरावता गांव का दौरा कर घटनास्थल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत की। डॉ. झा ने बताया कि घटनाक्रम के दौरान लापता और घायल लोगों का पता लगाया गया है और किसी की जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ग्रामीणों के साथ है और सभी की बात सुनी जाएगी।

गांव की मांग: उपखंड परिवर्तन पर विचार

ग्रामीणों ने समरावता गांव को देवली उपखंड से हटाकर उनियारा उपखंड में शामिल करने की मांग की है। डॉ. झा ने बताया कि 30 अक्टूबर 2024 को ग्रामीणों ने यह मांग प्रस्तुत की थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण तत्काल कार्रवाई संभव नहीं थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद उनकी मांगों और समस्याओं को उच्च स्तर पर भेजा जाएगा।

घटनाक्रम की जांच: निष्पक्षता का वादा

डॉ. झा ने कहा कि 13 नवंबर को हुए घटनाक्रम को लेकर सभी लोगों के बयान लिए जा रहे हैं और स्थिति अब सामान्य है। एक-एक घटना की विस्तार से समीक्षा की जा रही है और बयानों एवं जांच के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।

Previous
Next

Related Posts