लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कांग्रेस और भाजपा के नेताओं पर तीखे सियासी हमले किए हैं। बेनीवाल ने भाजपा उम्मीदवार रेवंतराम डांगा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह पहले उनके पास 20-20 रुपए डीजल-पेट्रोल के लिए आता था। उन्होंने कहा कि रेवंतराम डांगा, जो आज मुझे गालियां दे रहा है, वह 1998-99 में मेरे पास 20 रुपए के लिए लड़ने आता था। वह मुझसे कहता था कि फटा हुआ नोट नहीं चलेगा।
लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद बेनीवाल ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "गोविंद सिंह डोटासरा खुद डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा के पैर पकड़ने उनके घर गए थे।" उन्होंने दावा किया कि यह जानकारी खुद डॉक्टर किरोड़ी ने उन्हें दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संबंध में लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद बेनीवाल ने कहा, "वसुंधरा राजे को मजबूर कर भजनलाल शर्मा का नाम पर्ची पर लिखवाया गया था, जिससे उन्हें खुद मुख्यमंत्री बनने का मौका नहीं मिला। उस समय वसुंधरा राजे के चेहरे पर बेबसी के भाव थे।"
भाजपा के पूर्व अध्यक्षऔर हरियाणा के प्रभारी सतीश पूनिया पर भी निशाना साधते हुए बेनीवाल ने कहा, "2018 में सतीश पूनिया मुझे प्रणाम करके ही चुनाव जीत सके थे। लगातार चुनाव हारने के बाद, मैंने उनकी मदद की और उन्हें जीत दिलाई।" उन्होंने आरोप लगाया कि मिर्धा परिवार के नेता भी उनके पास निजी हितों के लिए मदद मांगने आए थे।
लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद बेनीवाल ने अपनी पार्टी की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि वे पेपर लीक करने वालों को जेल भेजेंगे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से उनके समर्थक स्थिति बिगड़ने के बाद ही उन्हें याद करते हैं। बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि "मेरी पार्टी मेरे सिंबल से जीते हुए लोग ही बनाएंगे, और हम उन पर भरोसा करते हैं।"
लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद बेनीवाल ने पूर्व विधायक रूपाराम और ज्योति मिर्धा के बीच विवाद का भी जिक्र किया और कहा कि वह इस मामले में रूपाराम की मदद के लिए शामिल हुए थे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं की मदद की है, लेकिन अब उन्हें जनता के समक्ष उनकी सच्चाई उजागर करनी पड़ेगी।