रामगढ़ में भाजपा के सामने नई चुनौती के रूप में जय आहूजा ने अपने तीखे तेवर दिखाए हैं। अगर भाजपा ने समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं किया, तो राजनीतिक संघर्ष की पुरानी कहानी फिर से दोहराई जा सकती है।
मजेदार बात यह है कि इस बार भी कहानी के किरदार वही होंगे, लेकिन उनकी भूमिकाएं बदल जाएंगी। जय आहूजा अब खुलेआम भाजपा के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार नजर आ रहे हैं, और यह संघर्ष रामगढ़ की राजनीति में अहम मोड़ ला सकता है।