राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। भाजपा अपनी खोई हुई साख को वापस पाने के साथ-साथ सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस अपने मजबूत गढ़ों को बनाए रखने और विपक्ष को चुनौती देने के लिए रणनीति बना रही है।
दौसा सीट पर भाजपा ने पिछली बार हार का सामना किया था। अब भाजपा पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा या एसटी नेता जगमोहन मीणा के जरिए वापसी की कोशिश कर सकती है। वहीं, कांग्रेस मुरारी लाल मीणा के परिवार से सविता मीणा या निहारिका मीणा पर दांव लगा सकती है। सचिन पायलट के करीबी जीआर खटाणा और युवा नेता नरेश मीणा भी संभावित हैं।
अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर भाजपा से ज्ञानदेव आहूजा, जय आहूजा और सुखवंत सिंह प्रमुख उम्मीदवार हो सकते हैं। कांग्रेस सहानुभूति के तहत पूर्व विधायक जुबैर खान की पत्नी सफिया जुबैर को उम्मीदवार बना सकती है।रामगढ़: परिवारवाद की राजनीति
झुंझुनूं सीट पर ओला परिवार की पकड़ मजबूत है। यहां कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद खाली हुई सीट पर उनकी पत्नी राजबाला ओला या पुत्र अमित ओला के नाम पर विचार कर सकती है। भाजपा से बबलू चौधरी, राजेंद्र भांबू और बनवारी लाल सैनी संभावित उम्मीदवार हैं।
टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने समीकरण मजबूत करने की कोशिश में हैं। भाजपा पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर या विजय बैंसला पर दांव लगा सकती है। वहीं, कांग्रेस से हरीश मीणा के बड़े भाई नमोनारायण मीणा या धीरज गुर्जर को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है।
नागौर जिले की खींवसर सीट पर कांग्रेस, भाजपा और आरएलपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है। भाजपा से रेवंतराम डांगा और ज्योति मिर्धा संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। कांग्रेस से रघुवेंद्र मिर्धा और बिंदु चौधरी के नाम चर्चाओं में हैं। आरएलपी से हनुमान बेनीवाल अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल या भाई नारायण बेनीवाल को मैदान में उतार सकते हैं।
डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में हैं। भाजपा से सुशील कटारा, महेंद्र बरजोड़, और नानूराम परमार जैसे नेता संभावित हैं। कांग्रेस की ओर से ताराचंद भगोरा परिवार से उम्मीदवार चुना जा सकता है।
सलूंबर सीट भाजपा के पास थी। इस सीट पर दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा के बेटे अविनाश मीणा सहानुभूति वोट के चलते उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से रघुवीर मीणा या उनकी पत्नी बसंती मीणा प्रमुख दावेदार हैं।