कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य सरकार के कार्यों पर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने राजस्थान में कानून व्यवस्था, नौकरशाही के बढ़ते प्रभाव और मंत्रियों के इस्तीफों के मामले में सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। पायलट ने कहा कि सरकार में सत्ता के कई केंद्र बन चुके हैं और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि इस असमंजस से जनता को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
पायलट ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले उपचुनावों में कांग्रेस सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी। हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों पर उन्होंने कहा कि यह परिणाम राजस्थान के उपचुनावों को प्रभावित नहीं करेंगे। उन्होंने भाजपा के प्रदर्शन पर कहा कि सभी सर्वे और फीडबैक के अनुमान के बावजूद, परिणाम अप्रत्याशित रहे। पायलट ने इस मामले में चुनाव आयोग को कुछ लिखित शिकायतें भी सौंपी हैं।
पायलट का मानना है कि सरकार को जनता के हित में निर्णय लेने चाहिए और पिछली सरकार की योजनाओं को बिना किसी ठोस कारण के बंद नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन में भी कमी है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस असमंजस और सत्ता संघर्ष का नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह परिणाम सभी अनुमान और सर्वे के विपरीत आए हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती सर्वे और फीडबैक कांग्रेस की जीत की दिशा में संकेत कर रहे थे, और सर्वसम्मति थी कि कांग्रेस वहां सरकार बनाएगी। लेकिन अंतिम परिणाम अप्रत्याशित रूप से भाजपा के पक्ष में गए।
पायलट ने कहा कि इस चुनावी नतीजे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को कुछ लिखित शिकायतें भी सौंपी हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के परिणाम चुनाव प्रक्रिया और निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़े करते हैं।
पायलट की यह टिप्पणी हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संदेश है, जिससे चुनावी रणनीति और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं।