अजमेर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों को लेकर अजमेर शहर और देहात कांग्रेस ने विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुए, जहां उन्होंने विरोध दर्ज कराया। इस दौरान, भीड़ को रोकने के लिए लगाए गए बैरिकेडिंग गिरा दिए गए और पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई। बाद में कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने कलक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई थी। जब कांग्रेस के नेता ज्ञापन सौंपने के लिए गेट से अंदर घुसने लगे, तो सभी कार्यकर्ता भी उनके पीछे जाने लगे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया, जिससे झड़प की स्थिति पैदा हो गई और इस दौरान बैरिकेडिंग गिरा दी गई। इसके बाद, पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कार्यकर्ताओं को रोका, लेकिन कुछ कांग्रेस नेता कलेक्टर के पास पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
अजमेर शहर के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा, "आज पूरा देश देख रहा है कि सत्ता में बैठी पार्टी क्या कर रही है। कोई राहुल गांधी को देशद्रोही कह रहा है, कोई कह रहा है कि दादी की तरह खत्म कर देंगे, तो कोई हत्या और इनाम की बात करता है।" उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी करने वाले नेताओं की सदस्यता निरस्त होनी चाहिए और उन्हें राजनीति करने का अधिकार नहीं है।
कांग्रेस के महेन्द्र सिंह रलावता और नगर निगम में प्रतिपक्ष के नेता द्रोपदी कोली ने भी राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर अपना विरोध व्यक्त किया। उनका कहना था कि इस तरह के अमर्यादित और हिंसात्मक बयानों से देश की राजनीति दूषित हो रही है और ऐसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से कांग्रेस ने राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति से अपील की।