भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। पिछले 4 दिन से सीपी जोशी दिल्ली में है। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले भी थे। जोशी ने इस्तीफे की एक बार पहले भी लोकसभा चुनावों के परिणाम आते ही पेशकश कर दी थी।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी विधानसभा चुनावों के परिणामों में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही पद छोड़ना चाहते थे। उन्हें पार्टी केंद्रीय नेतृत्वने पद पर बने रहने को कहा था। उनके नेतृत्व में पार्टी की सरकार बन गई थी, वे किसी नए नेता को कमान सौंपना चाहते थे।
लोकसभा चुनाव में जाने से पहले भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने केंद्रीय नेतृत्व को कहा था, वे स्वयं चित्तौड़गढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में प्रदेश भर में चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पद पर बने रहने को कह दिया था। अब लोकसभा के चुनाव परिणाम आए भी करीब डेढ़ महीना हो गया है। ऐसे में उन्होंने अब पद छोड़ने की पेशकश एक बार फिर कर दी है। सूत्रों का कहना है कि शीघ्र ही उनका इस्तीफा मंजूर हो जाएगा। ऐसा माना जा रहा है किअब किसी ओबीसी नेता को भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। यही नहीं संगठन में व्यापक फेरबदल की तैयारी चल रही है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने दो दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी उसे समय उन्होंने इस्तीफा देने की पेशकश की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कीऔर मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में उन्हें जानकारी दी। मौजूदा स्थिति में कृषि मंत्रीडॉ. करोड़ी लाल मीणा अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं और वे पेपर लिख के मामले में एसओजी के एडीजी वीके सिंह से मुलाकात कर दस्तावेज दे चुके हैं। उन्हें मुख्यमंत्री के प्रति विश्वास नहीं है और ना ही संगठन के प्रति वह अपनी ताकत को दिखाने के लिएसब कुछ कर रहे हैं।
अनुशासनहीनता की कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही । ऐसे में निश्चित तौर पर संगठन और सत्ता में जिस प्रकार का माहौल बना है उससे भाजपा की स्थिति खराब हो रही है। केंद्रीय नेतृत्व इसको लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है। अब स्थिति को काबू में करने के लिए राजस्थान में स्थाई प्रभारी मौजूद नहीं है। पार्टी के हालात काबू करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को जागृत होने की जरूरत है।