Friday, 20 September 2024

जालौर-सिरोही में असली मुकाबला तो पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के बीच, वैभव के प्रचार के लिए नहीं आए सचिन पायलट


जालौर-सिरोही में असली मुकाबला तो पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के बीच, वैभव के प्रचार के लिए नहीं आए सचिन पायलट

जालौर-सिरोही पहले रिजर्व सीट हुआ करती थी और यहां से केंद्रीय गृहमंत्री बूटा सिंहचुनाव जीते और हर भी थे। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण बंगारू भी चुनाव लड़े और जीते थे । अब यह सीट रिजर्व नहीं है यही कारण है कि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पुत्र को जोधपुर की जगह यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया है।

कांग्रेस के चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरी ताकत झोंक रखी हैव ह किसी भी कीमत पर अपने बेटे वैभव गहलोत को चुनाव जीतना चाहते हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र वैभव गहलोत सहित पूरे परिवार न पूरी ताकत लगा रखी है। वैभव गहलोत को बाहरी बताकर उन्हें चुनौती दी जा रही है। लेकिन वैभव गहलोत यही कहते नजर आ रहे हैं की पार्टी ने उन्हें यहां से चुनाव लड़नेका आदेश दिया है और वेचुनाव लड़ रहे हैं । 

वही भाजपा ने मौजूदा सांसद और सांचौर विधानसभा से चुनाव हारने वाले देवजी पटेल का टिकट काट कर लुंबाराम को अपना प्रत्याशी बनाया है। जालौर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र का चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है यही कारण है कि उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। 

भाजपा के उम्मीदवार लुंबाराम ने मोदी की गारंटी के नाम का सहारा ले रखा है । भाजपा के लुंबाराम चौधरी अपनी साधारण कार्यकर्ता की छवि व भाजपा के परम्परागत वोट बैंक के सहारे मैदान में ताल ठोक रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भीनमाल में चुनावी सभा करके उनके माहौल को भाजपा के पक्ष में बनाने का पूरा प्रयास किया है। उन्होंने अपनी चुनावी सभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि लंबारामकी जीत मोदी को ताकत देगी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का जादू खत्म होने की बात कही।

दूसरी ओर वैभव को जिताने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत खुद और उनकी पत्नी सुनीता गहलोत, पुत्रवधू हिमांशी और पौत्री वैभव गहलोत के लिए वोट मांग रहे हैं। इस बार यहां आठ विधानसभा सीटों में से तीन पर कांग्रेस के विधायक हैं। दोनों ही पार्टियों ने भीनमाल को इस सीट का राजनीतिक का केन्द्र बना दिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनावी सभा करके वैभव के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। 

जालौर-सिरोही के लोकसभा के चुनाव में मुख्य मुद्दे सिरोही को रेल कनेक्टिविटी,भीनमाल और सांचौर में पेयजल,जालोर में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन विकास,सिरोही में औद्योगिक विकास, रेवदर-रानीवाड़ा  जैसे कस्बों में चिकित्सा सुविधाओं का विकास, आबू-पिंडवाड़ा के आदिवासी क्षेत्रों का विकास और दक्षिण भारत के लिए सीधी ट्रेनों की मांग है। डबल इंजन की सरकार भाजपा की है ऐसे में इन मुद्दों का आश्वासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के नाम पर दिया जा रहा है।यह बात भी सही है कि चुनाव तो असली पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के बीच हो रहा है।आखिर जीत हार किसकी होगी यह तो जानता ही तय करेगी लेकिन मौजूदा स्थिति मेंपूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नेअपने राजनीतिक भविष्य के लिए पूरी ताकत चौक रखी है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल ने भी यहां चुनावी सभा करके जीत का दावा किया है। आप चाहे कुछ भी कहें लेकिन चुनाव बहुत रोचक है।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट के बीचमधुर संबंध नहीं होने के कारण सचिन पायलट चुनावी प्रचार प्रसार के लिए नहीं आए हैं। उन्होंने ऐलान किया था कि मैं सचिन पायलट के चुनाव प्रचार के लिए जाऊंगा लेकिन अब यही कह रहे हैं कि मुझे बुलाया ही नहीं  कोई कार्यक्रम बनाया तो मैं कैसे जाता।अब यह सवाल उठता है कि सचिन पायलट गहलोत के बेटे के चुनाव प्रचार में क्यों नहीं गए और उन्हें क्यों नहीं बुलाया गयाऐसे में सवाल उठता है किप्रियंका गांधी भी इस क्षेत्र में आई लेकिन सचिन पायलट उसके साथ नहीं आए जबकि प्रियंका गांधी के हर कार्यक्रम में सचिन पायलट पहुंच रहे हैं।

अब चाहे चर्चाएं कुछ भी हो लेकिन यह स्पष्ट है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मधुरता कायम होना संभव नहीं लगती है। कांग्रेस की स्थानीय कार्यकर्ता एक ही शिकायत कर रहे हैं कि पुखराज पाराशर ने इस चुनाव को खराब किया हुआ है। स्थानीय कार्यकर्ताओं को वह गलत तक पहुंचाने के लिए उनका सहारा लेना पड़ता है जबकि कार्यकर्ता कहते हैं कि हमें तोउनके नजदीक जाने नहीं दिया जा रहा है। आरटीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर ने वैभव गहलोत जीतने की जिम्मेदारी ले रखी है और वह मैनेजमेंट करने में लगे हुए हैं। 

भाजपा के कार्यकर्ता लुंबाराम साधारण तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और संगठन का पूरा सहयोग है। वोट 26 अप्रैल को डाले जाने हैं अब बाहरी नेताओं का जमावड़ा जो पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने लगा रखा था वह बुधवार शाम 6:00 बजे तक चल जाएगा। ऐसे में आप वैभव गहलोत को अपने स्तर पर सारी व्यवस्थाएं करनी पड़ेगी।

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