Thursday, 19 September 2024

आईसीयू में ऑक्सीजन सिलेंडर के रेगुलेटर में विस्फोट होने से भगदड़, कोई जनहानि नहीं


आईसीयू में ऑक्सीजन सिलेंडर के रेगुलेटर में विस्फोट होने से भगदड़, कोई जनहानि नहीं

पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में पहली मंजिल पर मे स्थित आईसीयू में मंगलवार रात 8:00 बजे ऑक्सीजन सिलेंडर के रेगुलेटर में विस्फोट होने से भगदड़ मच गई। वहां भर्ती मरीजों के परिजन इस विस्फोट से इतना घबराए कि कोमा में भर्ती अपने मरीजों को छोड़कर बाहर भाग गए। कुछ ही देर में स्थिति सामान्य होने पर रोगियों की सुध ली गई।

पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में पहली मंजिल पर आईसीयू बना हुआ है। यहां पर भर्ती एक रोगी को किसी जांच के लिए बाहर ले जाना था। ऑक्सीजन सपोर्ट पर चल रहे इस मरीज को जांच के लिए बाहर ले जाने के लिए सिलेंडर बदला जा रहा था। आमतौर पर छोटे सिलेंडर पर रोगी को बाहर ले जाया जाता है। इसी छोटे सिलेंडर पर शिफ्ट करते वक्त अचानक विस्फोट हो गया।  ये विस्फोट ऑक्सीजन के अनियंत्रित होकर बाहर निकलने और इसी कारण रेगुलेटर में विस्फोट होने से हुआ था। विस्फोट की आवाज तेज थी, रेगुलेटर सहित कुछ सामान भी विस्फोट से टूटकर इधर-उधर चला गया। जिससे वहां भर्ती मरीजों के कुछ परिजनों के चोट भी आई। तेज धमाका होने के कारण वहां भर्ती मरीजों के परिजनों में भगदड़ मच गई। जो मरीज होश में थे, वो भी भाग तो नहीं सके लेकिन काफी घबरा गए। परिजन अपने मरीजों को छोड़कर बाहर की ओर भागे। बाहर भर्ती मरीज भी दूसरी ओर भागने लगे। आईसीयू के पास में भी दो वार्ड है। यहां भर्ती मरीज और उनके परिजन भी घबरा गए।

थोड़ी ही देर में अस्पताल में ड्यूटी दे रहे रेजीडेंट डॉक्टर्स और नर्सिंग कर्मी मौके पर पहुंच गए। रेजीडेंट डॉक्टर्स ने हौंसला रखते हुए स्थिति को संभाला और मरीजों को भी संभाला। इस दौरान किसी मरीज के कोई परेशानी नहीं हुई। वहीं जिस मरीज को बाहर ले जाया जा रहा था, उसे भी सुरक्षित किया गया। घटना के बाद आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बड़े से छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर कौन बदल रहा था ? ये काम नर्सिंग कर्मचारी का है लेकिन कोई बाहरी व्यक्ति ये काम कर रहा था। अभी स्पष्ट नहीं हुआ कि मरीज की ओर से किसी बाहरी व्यक्ति को सिलेंडर बदलने के लिए कहा गया था अथवा अस्पताल का ही कोई कर्मचारी बदल रहा था ?  अस्पताल के कर्मचारी कमल व्यास ने घटना की जानकारी मिलने के साथ ही आईसीयू में पहुंचकर सिलेंडर को उठाया और बाहर लेकर आ गया। जब लोग इस सिलेंडर के पास जाने से घबरा रहे थे, तब व्यास ने काफी हिम्मत दिखाते हुए सिलेंडर को निकालकर सुरक्षित स्थान पर रखा।

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