Sunday, 07 December 2025

राजस्थान में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स फेल: इवेंट में खिलाड़ियों की भारी कमी, कई स्पर्धाओं में मेडल तक नहीं बांटे जा सके


राजस्थान में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स फेल: इवेंट में खिलाड़ियों की भारी कमी, कई स्पर्धाओं में मेडल तक नहीं बांटे जा सके

जयपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स–2025 की एथलेटिक्स स्पर्धाएं राजस्थान में 24 नवंबर से शुरू हुईं, लेकिन शुरुआत से ही अव्यवस्थाओं, कम भागीदारी और खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के कारण यह आयोजन पूरी तरह फ्लॉप शो साबित हो रहा है। कई इवेंट्स में प्रतिभागियों की संख्या इतनी कम रही कि गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल तक नहीं दिए जा सके।

महिलाओं की 400 मीटर रेस—5 में से केवल 1 खिलाड़ी

महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में 5 खिलाड़ियों का पंजीकरण था, लेकिन ट्रैक पर केवल कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की मनीषा ही उतरीं। उन्होंने अकेले दौड़ पूरी कर गोल्ड तो हासिल किया, लेकिन प्रतिस्पर्धा न होने से सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल देना संभव नहीं हुआ।

पुरुषों की 400 मीटर—8 में से सिर्फ 2 खिलाड़ी पहुंचे

पुरुष वर्ग में 400 मीटर रेस में 8 खिलाड़ियों का नामांकन था, मगर केवल दो ही मैदान पर उतरे।आकाश राज ने गोल्ड जीता और पी. अभिमन्यु को सिल्वर मिला।ब्रॉन्ज मेडल के लिए कोई प्रतिभागी ही नहीं था।

5000 मीटर महिलाओं की रेस—5 में से सिर्फ 2 धाविकाएँ

महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ भी निराशाजनक रही—5 में से केवल 2 एथलीट्स ने भाग लिया।

  • बुसरा खान ने गोल्ड,

  • रिंकी पावरा ने सिल्वर मेडल जीता।

सबसे बड़ा विवाद—पुरुषों की 400 मीटर हर्डल्स में केवल 1 खिलाड़ी

मंगलवार को पुरुषों की 400 मीटर हर्डल्स रेस में 8 प्रतिभागियों की उम्मीद थी, लेकिन ट्रैक पर केवल रुचित मोरी (स्वर्णिम गुजरात स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी) ही पहुंचे।

रुचित ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 51.00 सेकंड का समय निकालकर मीट रिकॉर्ड तोड़ा।
लेकिन, चूंकि इवेंट में सिर्फ एक खिलाड़ी था, इसलिए नियमों के अनुसार उन्हें गोल्ड मेडल नहीं दिया गया।

रुचित की नाराजगी—‘रिकॉर्ड मैंने बनाया, सज़ा मुझे क्यों?’

रुचित मोरी ने अपना ग़ुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने मेहनत की, रिकॉर्ड बनाया। दूसरे खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट के डर से नहीं उतरे, तो इसका नुकसान मुझे क्यों? मेरा मेडल क्यों रोका जा रहा है? कार्रवाई उन पर होनी चाहिए जो ट्रैक पर नहीं उतरे।

नियम स्पष्ट—एक खिलाड़ी होगा तो मेडल नहीं

टेक्निकल डायरेक्टर सावे ने बताया कि यदि किसी इवेंट में कम से कम दो खिलाड़ी नहीं होते,तो मेडल सेरेमनी नहीं होगी। यह निर्णय पहले ही AIU (Association of Indian Universities) और SAI को सूचित किया गया था।
दर्शक भी नहीं पहुंचे, आयोजन पर उठ रहे सवाल

  • कई इवेंट्स में खिलाड़ी मौजूद नहीं

  • मैदान में दर्शकों की भारी कमी

  • स्थानीय प्रबंधन की अव्यवस्थाएँ

  • रिकॉर्ड बनने के बाद भी मेडल न मिलना

इन सब कारणों से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खिलाड़ियों और कोचों में नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है।

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