Tuesday, 16 December 2025

CSIR–CEERI, पिलानी में IISF–2025 का कर्टन रेज़र: “विज्ञान से समृद्धि” की दिशा में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प


CSIR–CEERI, पिलानी में IISF–2025 का कर्टन रेज़र: “विज्ञान से समृद्धि” की दिशा में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प

CSIR–सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSIR–CEERI), पिलानी ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार तथा विज्ञान भारती (विभा), राजस्थान के सहयोग से 14 नवंबर 2025 को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF–2025) का कर्टन रेज़र आयोजित किया। यह आयोजन देश के सबसे बड़े विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव की औपचारिक शुरुआत है, जिसका उद्देश्य नवाचार, अनुसंधान, प्रेरणा और सामाजिक समावेशन के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में वैज्ञानिक भावना को गति देना है।

IISF–2025 की थीम “विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत के लिए” राष्ट्र की वैज्ञानिक क्षमता को समग्र विकास, सामाजिक कल्याण और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में प्रस्तुत करती है। यह महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विज़न के अनुरूप है जिसमें विज्ञान को विकास और मानवता की सेवा का आधार माना गया है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार भारत की भावी अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभ हैं और “हर वैज्ञानिक खोज का लाभ जनता तक पहुँचना चाहिए।” उन्होंने उद्योग, स्टार्टअप और अकादमिक जगत के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और उद्घाटन संबोधन से हुआ, जिसके बाद CSIR–CEERI के निदेशक डॉ. पी. सी. पंचरिया ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने अंतरिक्ष, रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक क्षेत्रों में भारत की प्रगति का उल्लेख किया और बताया कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में देश स्वदेशी अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत बनाकर नवाचार आधारित विकास की ओर तेजी से अग्रसर है।

IISF–2025 के राष्ट्रीय समन्वयक (S&T Hackathon) एवं विज्ञान भारती, राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेंद्र शर्मा ने आगामी उत्सव के स्वरूप, संरचना और प्रमुख आयोजनों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। महोत्सव में सायंस ऑन स्फीयर, एंबैसडर्स एवं साइंस कांसुलेट्स मीट, क्लीन एनर्जी, स्टूडेंट–साइंटिस्ट इंटरैक्शन, AI & AGI, क्वांटम टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप जर्नीज़, विज्ञानिका, मीडिया कॉन्क्लेव, साइंस सफारी, नारी शक्ति सम्मेलन, युवा वैज्ञानिक सम्मेलन, UAVs, सेमीकंडक्टर तकनीक, ब्लू इकॉनमी जैसे कई विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के कुलपति डॉ. संजीव शर्मा ने पारंपरिक ज्ञान, आयुर्वेद, योग और आधुनिक विज्ञान के समन्वय को भारत के सतत एवं समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। वहीं IITM, पुणे के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप एस. महाजन ने भारत की जलवायु विज्ञान, वायु गुणवत्ता अनुसंधान और स्पेस आधारित अवलोकन में वैश्विक नेतृत्व क्षमता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन CSIR–CEERI के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. विजय चटर्जी ने किया, जबकि धन्यवाद प्रस्ताव वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक श्री साई के. वड्डाडी द्वारा प्रस्तुत किया गया।

यह कर्टन रेज़र आयोजन IISF–2025 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक समुदाय की एकजुटता, व्यापक सहभागिता और “समाज के लिए विज्ञान” की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। CSIR–CEERI, पिलानी ने इस अवसर पर नवाचार आधारित विकास, अनुसंधान और क्षमता निर्माण के माध्यम से राष्ट्र की प्रगति में निरंतर योगदान देने का संकल्प दोहराया।

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