Monday, 01 December 2025

राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव लड़ने के लिए लागू दो बच्चों की बाध्यता खत्म हो सकती है ! जनप्रतिनिधियों को मिलेगी राहत? सरकार ने शुरू किया मंथन


राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव लड़ने के लिए लागू दो बच्चों की बाध्यता खत्म हो सकती है ! जनप्रतिनिधियों को मिलेगी राहत? सरकार ने शुरू किया मंथन

जयपुर। राजस्थान में पंचायत और निकाय चुनाव लड़ने के लिए लागू दो बच्चों की बाध्यता खत्म हो सकती है। विभिन्न संगठनों, नेताओं और जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार मांग के बाद राज्य सरकार ने इस नियम पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। पंचायती राज एवं स्वायत्त शासन विभाग से इस संबंध में अनौपचारिक रिपोर्ट मांगी गई है। वर्तमान में दो से अधिक संतान वाले व्यक्ति पंचायत और शहरी निकाय चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं।

यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस मुद्दे को लेकर महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकारी कर्मचारियों को तीन संतान नियम में छूट मिल चुकी है, तो जनप्रतिनिधियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को राहत दी गई है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों को भी उतनी ही छूट मिलनी चाहिए।”उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि समाज से सीधे जुड़े होते हैं और अब उनसे इस नियम को हटाने की मांग उठ रही है, इसलिए सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।

कर्मचारी बनाम जनप्रतिनिधि — अलग नियमों पर उठे सवाल

राज्य में यह तर्क लंबे समय से उठ रहा है कि जब सरकारी कर्मचारियों को दो बच्चों की शर्त में छूट दी गई है, तो जनप्रतिनिधियों पर ये प्रतिबंध क्यों? यूडीएच राज्यमंत्री खर्रा ने कहा कर्मचारी और जनप्रतिनिधि में भेदभाव उचित नहीं। जब एक को राहत मिली है तो दूसरे को भी मिलनी चाहिए।”

मुख्यमंत्री स्तर पर चर्चा, सुझाव मांगे जा रहे

यूडीएच राज्यमंत्री खर्रा के अनुसार, यह मुद्दा मुख्यमंत्री स्तर पर चर्चा में आ चुका है। सरकार अब सभी पक्षों से राय लेकर फैसला करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सबकी राय ली जाए। विभाग प्रस्ताव आगे भेजेगा और अंतिम निर्णय सरकार लेगी।” सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव जल्द ही औपचारिक रूप से कैबिनेट के समक्ष लाया जा सकता है।

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