Sunday, 05 October 2025

गीत चांदनी में कवियों के सुरों ने बांधा समां, कविताओं और गीतों से महकी शाम


गीत चांदनी में कवियों के सुरों ने बांधा समां, कविताओं और गीतों से महकी शाम

जयपुर। अजमेर रोड स्थित एक होटल में राइटर क्लब की ओर से आयोजित गीत चांदनी 2025 कार्यक्रम में देशभर के कवियों और कवित्रियों ने अपनी कविताओं और गीतों से ऐसा समां बांधा कि श्रोतागण देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंजाते रहे। इस साहित्यिक संध्या में प्रेम, विरह, भक्ति और जीवन दर्शन के भावों को कवियों ने अपनी रचनाओं में पिरोकर प्रस्तुत किया।

कवियों की सुमधुर प्रस्तुतियों ने मोहा मन

कार्यक्रम का शुभारंभ गजरौला से पधारी कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद बांदीकुई से आए कवि मुकेश गुप्त राज ने “जैसे दिवस प्रकाश बिना हो, जैसे रात अंधेरे बिन, वैसी ही लगती है मुझको मेरी दुनिया तेरे बिन” सुनाकर माहौल को भावुक कर दिया।

कोटा से आए सुप्रसिद्ध कवि दुर्गा दान सिंह राठौड़ ने “मीठा गीत जवानी मीठी, मीठा ढोला मारू, आहे म्हारी चांद कुवर तने हिवडे बीच उतारू” प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

चित्तौड़गढ़ से पधारे कवि रमेश शर्मा को इस अवसर पर डॉ. तारा प्रकाश जोशी सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी कविताओं “हर चीज जहां रख दी यथावत कहना नहीं अब किसी भी बाबत...” जैसी रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आगरा से आईं डॉ. सुशीला शील ने जीवन के गहन दर्शन व्यक्त करते हुए कहा—“भोगकर हर भोग इतना छक गया मन, हो चली वैराग्य की संभावनाएं”। वहीं ग्वालियर के कवि राजेश शर्मा ने दर्द और बिछोह की भावनाओं को “टुकड़ा-टुकड़ा दर्द अपनिया आंसू बनकर बहने दो” जैसे शब्दों में पिरोकर सुनाया।

इंदौर के युवा कवि अमन अक्षर ने अपने गीत “पास पूजा की थाली में सिंदूर है, मांग से हाथ लेकिन बड़ी दूर है” से युवाओं के दिल को छू लिया।

संचालन और श्रोताओं की मौजूदगी

कार्यक्रम का कुशल संचालन शायर लोकेश कुमार सिंह साहिल ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकार, कवि और श्रोता उपस्थित रहे और उन्होंने कवियों की प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद उठाया।

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