भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की विजिलेंस विंग ने शुक्रवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए एएसपी जगराम मीणा को जयपुर के शिवदासपुरा टोल नाके पर 9.35 लाख रुपये की अवैध वसूली के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
शुक्रवार को जयपुर के शिवदासपुरा पकड़े गए जगराम मीणा की कार से 9.35 लाख रुपए कैश मिले। इसके बाद टीमों ने जगतपुरा में उसके घर की तलाशी में 40 लाख रुपए कैश मिले। जगराम मीणा लंबे समय से एसीबी की निगरानी में था और यह तीसरी बार था जब वह जाल में फंसा। इससे पहले वह दो बार कार्रवाई से बच चुका था—एक बार जब एएसपी सुरेंद्र पर कार्रवाई हुई थी तो वह झालावाड़ से पैसा छोड़कर जयपुर भाग आया, दूसरी बार कार बदलकर बच निकला।
बुधवार रात को उसका तबादला हुआ, लेकिन रिलीव होने से पहले ही वह जल्दबाजी में वसूली की रकम लेकर रवाना हो गया। एसीबी की जांच में सामने आया है कि वह कभी खुद की निजी गाड़ी चला कर आता था तो कभी सरकारी गाड़ी से ड्राइवर के साथ।
एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देशन में डीआईजी राजेश सिंह की सुपरविजन में आधा दर्जन टीमें तैयार की गई थीं। एएसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में शुक्रवार शाम साढ़े 8 बजे शिवदासपुरा टोल पर जब कार की तलाशी ली गई तो 9.35 लाख रुपये बरामद हुए। इसके बाद एएसपी सुनील सिहाग के नेतृत्व में उसके मालवीय नगर स्थित घर पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जहां से 40.05 लाख रुपये नकद, एक पॉश कॉलोनी में प्लॉट के दस्तावेज, लाखों की ज्वेलरी और भारी मात्रा में महंगी शराब की बोतलें बरामद की गईं।
इतनी बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के कारण नोट गिनने के लिए मशीन मंगवाई गई। एसीबी अब कॉल डिटेल रिकॉर्ड और व्हाट्सएप चैट खंगालकर यह पता लगाएगी कि वह किन-किन विभागों से और किन अफसरों-कर्मचारियों से वसूली करता था।
गौरतलब है कि जगराम मीणा 1996 में एसआई पद पर भर्ती हुआ था और विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए 2023 से एसीबी में तैनात था। एसीबी की विजिलेंस विंग अब लगातार अपने ही विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है। हाल के एक महीने में यह दूसरा मौका है जब एसीबी ने अपने विभाग के एएसपी को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़ा है।
यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा तीन दिन बाद रिटायर होने जा रहे हैं और शनिवार को उनके सम्मान में DGP डिस्क वितरण और विदाई कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इस घटना से राजस्थान पुलिस में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।