राजस्थान ब्राह्मण महासभा की एक अहम बैठक रविवार को अजमेर के तपस्वी भवन, शांतिपुरा, वैशालीनगर में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता पं. रामगोपाल शर्मा (नगर, भरतपुर), कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान ब्राह्मण महासभा, जयपुर ने की। इस दौरान प्रदेशभर से आए अनेक पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं ब्राह्मण समाज के गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत में उदयपुर निवासी डॉ. रवि शर्मा की असमय एवं दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश श्री अजय शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि यह मृत्यु मेडिकल प्रशासन की घोर लापरवाही का परिणाम है। महासभा ने राज्य सरकार से मांग की कि डॉ. शर्मा के परिजनों को शीघ्र एक सदस्य को सरकारी नौकरी, उचित आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाए, और दोषी अधिकारियों पर निष्पक्ष व कठोर कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
बैठक में ब्राह्मण समाज की एकता को मजबूत करने और युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यह संकल्प लिया गया कि प्रदेशभर में फैले ब्राह्मण बंधुओं को एक मंच पर संगठित किया जाएगा, जिससे समाज की ताकत, शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक भूमिका को और अधिक मजबूती मिल सके।
साथ ही, राजनीति सहित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में ब्राह्मणों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बैठक में "ब्रह्मघोष" पत्रिका की सदस्यता बढ़ाने और विजय संस्कार द्वारा रचित ग्रंथ 'परशुरामचरितम' को सभी ब्राह्मण परिवारों तक पहुंचाने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में उपस्थित प्रमुखजन: पं. सुदामा शर्मा (जिलाध्यक्ष), सुशील पारीक, देवेंद्र त्रिपाठी, डॉ. रामनिवास शर्मा, विजय कुमार शर्मा, अरुणा भास्कर, डॉ. कुलदीप शर्मा, इंजीनियर अशोक शर्मा, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट के.एल. झंझानी, गायत्री शर्मा, मंजुला व्यास, ब्रजेश गौड़, ओम प्रकाश पारीक, पूर्व पार्षद जे.के. शर्मा, राजकुमार शर्मा (राजदरबार), एडवोकेट कृष्णराज शर्मा सहित अन्य अनेक ब्राह्मण समाजबंधु उपस्थित रहे।