मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज अपने बयान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा प्रहार किया और उन्हें आमजन की पीड़ा से विमुख बताते हुए आत्ममंथन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "जिसकी कभी फटी ना बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई," अर्थात् जो व्यक्ति कभी आमजन के दुख-दर्द में शामिल ही नहीं हुआ, वह उनकी तकलीफें कैसे समझ सकता है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत को न केवल अपने शासनकाल की आलोचनात्मक समीक्षा करनी चाहिए, बल्कि जनता से ईमानदारी से यह पूछना भी चाहिए कि उनके कार्यकाल में आमजन के साथ कितना अन्याय हुआ। उन्होंने कहा कि जनता आज जागरूक है और भली-भांति समझती है कि कुछ लोग सत्ता के लोभ में किस हद तक जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है जब जनता को छलने वालों को आईना देखना चाहिए। सत्ता के मोह में बार-बार गिरने और संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखने वालों की असलियत अब किसी से छिपी नहीं है।
मुख्यमंत्री शर्मा का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब राज्य की राजनीति में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज़ होता जा रहा है। मुख्यमंत्री के इस बयान को भाजपा के राजनीतिक मोर्चे की आक्रामक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है