राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आम जनता को यूपीआई (Unified Payments Interface) से जुड़ी एक नई साइबर धोखाधड़ी को लेकर चेतावनी दी है। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार के अनुसार, साइबर अपराधी अब फर्जी बैंक मैसेज और कॉल के जरिए भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं।
धोखेबाज पहले एक फर्जी क्रेडिट मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिखा होता है कि गलती से आपके खाते में पैसा भेज दिया गया है। इसके तुरंत बाद वे कॉल कर खुद को वही व्यक्ति बताते हैं जिसने पैसे भेजे और आपसे विनती करते हैं कि राशि वापस भेज दें। लोग बिना अकाउंट स्टेटमेंट देखे भावनाओं में बहकर ट्रांजैक्शन कर देते हैं, जबकि हकीकत में पैसे कभी आए ही नहीं होते।
पुलिस ने बताया कि इस तरह की धोखाधड़ी में लोग हजारों रुपये गंवा रहे हैं। अपराधी कई बार ये बहाना बनाते हैं कि पिछला ट्रांजैक्शन फेल हो गया, और दो-तीन बार तक राशि ट्रांसफर करवा लेते हैं।
राजस्थान पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में इन बातों का ध्यान रखने की सलाह दी गई है:
संदिग्ध मैसेज से सतर्क रहें – अगर बैंक मैसेज मोबाइल नंबर से आया है और बैंक कोड (जैसे VM-PNBBNK, DM-ICICIB) से नहीं, तो यह धोखाधड़ी हो सकती है।
बैंक स्टेटमेंट ज़रूर जांचें – किसी भी ट्रांजैक्शन से पहले यह सुनिश्चित करें कि वाकई आपके खाते में पैसे आए हैं।
जल्दबाजी में ट्रांजैक्शन न करें – बिना जांच-पड़ताल के कोई राशि न लौटाएं।
ठगी होने पर तुरंत शिकायत करें – साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें याhttps://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
राजस्थान पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल पर बिना पुष्टि के कोई प्रतिक्रिया न दें। आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपको बड़ी वित्तीय हानि से बचा सकती है।