जयपुर। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा द्वारा नकली खाद और बीज बनाने वाली फैक्ट्रियों पर की गई छापेमारी के बाद राज्य के कृषि विभाग में बड़ा प्रशासनिक एक्शन लिया गया है। कृषि विभाग के 11 अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक जांच शुरू कर दी गई है।
कृषि आयुक्तालय की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि इन अफसरों की फर्टिलाइजर और बीज कंपनियों के साथ मिलीभगत सामने आई है और इन्होंने ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरती। इससे न केवल किसानों की सेहत और फसल सुरक्षा प्रभावित हुई, बल्कि विभाग की साख भी गिरी।
निलंबित किए गए प्रमुख अधिकारी: बंशीधर जाट – तत्कालीन उपनिदेशक, क्वालिटी कंट्रोल,ज्वाला प्रताप सिंह – सहायक निदेशक,गोविंद सिंह – सहायक निदेशक, पौध संरक्षण और मुकेश कुमार चौधरी – सहायक निदेशक शामिल है। अन्य निलंबित अधिकारी:राजवीर ओला – कृषि अधिकारी, योजना,सौरभ गर्ग – कृषि अधिकारी,मुकेश कुमार माली – कृषि अधिकारी और कैलाश चंद्र शर्मा – उप परियोजना निदेशक, आत्मा प्रोजेक्ट शामिल है।
जयपुर छापे में न पहुंचने पर तीन अफसरों पर गिरी गाज: जयपुर में कृषि मंत्री द्वारा की गई छापेमारी के दौरान मौके पर उपस्थित न रहने और शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने के कारण तीन वरिष्ठ अफसरों को निलंबित किया है । इसमें लोकेन्द्र सिंह – सहायक कृषि निदेशक, मुख्यालय,सुनील कुमार बरड़िया – कृषि अधिकारी (सामान्य)और प्रेम सिंह – कृषि अधिकारी (मिशन) शामिल है।
इन अधिकारियों पर आरोप है कि फर्टिलाइजर कंपनियों के अवैध भंडारण की शिकायतों के बावजूद कोई निरीक्षण नहीं किया गया और न ही संबंधित इंस्पेक्टरों को भेजा गया।
कृषि मंत्री मीणा के लगातार निरीक्षणों और छापों से यह स्पष्ट संकेत गया है कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में भ्रष्टाचार और नकली सामग्री के कारोबार को लेकर सख्त रवैया अपना रही है। यह कार्रवाई विभागीय अधिकारियों की उत्तरदायित्वहीनता के खिलाफ चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।