जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के विधि विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. दीक्षा शर्मा को विधि के क्षेत्र में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई है। यह उपाधि उन्हें नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU), कोलकाता द्वारा प्रदान की गई है। दीक्षा शर्मा की यह उपलब्धि न केवल विधि शिक्षा जगत में सराहना का विषय बन गई है, बल्कि इससे राजस्थान विश्वविद्यालय और एनएलयू कोलकाता के बीच भविष्य में शैक्षणिक सहयोग की संभावनाएं भी मजबूत हुई हैं।
डॉ. दीक्षा शर्मा ने अपने शोध में “रीजनल कॉरपोरेशन इन क्रॉस बॉर्डर कार्टेल रेगुलेशन इन सार्क” विषय पर गहन अध्ययन किया। यह शोध विशेष रूप से दक्षिण एशियाई देशों (सार्क राष्ट्रों) में आर्थिक सहयोग और प्रतिस्पर्धा कानून के प्रभावी प्रवर्तन पर केंद्रित रहा। उन्होंने अपने शोध में इस बात को रेखांकित किया कि कैसे क्षेत्रीय सहयोग, नीतिगत समन्वय और संस्थागत भागीदारी के माध्यम से कार्टेल के विरुद्ध एकजुट कार्रवाई की जा सकती है।
उनका यह शोध कार्य NLU कोलकाता की जानीमानी प्रोफेसर तिलोत्तमा रायचौधरी के निर्देशन में पूर्ण हुआ। दीक्षा शर्मा की इस उपलब्धि से राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि विभाग सहित पूरे अकादमिक समुदाय में उत्साह और गौरव की भावना व्याप्त है।
राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि विभाग, विभिन्न संकायों के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने दीक्षा शर्मा को बधाई देते हुए इसे शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रेरणादायक उदाहरण बताया है।