राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण को लेकर माहौल गर्म होता जा रहा है। भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र स्थित कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में रविवार को गुर्जर समाज की बड़ी महापंचायत आयोजित की गई है। यह महापंचायत आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला के नेतृत्व में आयोजित हो रही है, जिसमें आरक्षण सहित समाज की अन्य लंबित मांगों पर चर्चा की जा रही है। समिति ने राज्य सरकार को रविवार दोपहर तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद आंदोलन की दिशा और स्वरूप तय किया जाएगा।
महापंचायत स्थल हिंडौन-बयाना स्टेट हाईवे के किनारे स्थित होने के कारण प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर विशेष प्रबंध किए हैं। सुरक्षा और सुचारू यातायात के मद्देनज़र बयाना से हिंडौन की ओर जाने वाले वाहनों को पीलूपुरा के बजाय कलसाड़ा होते हुए करौली और महवा की ओर डायवर्ट किया है। इसी प्रकार करौली से भरतपुर जाने वाले यातायात को हिंडौन-कलसाड़ा-भुसावर होते हुए भेजा जा रहा है।
सरकार बिना किसी आंदोलन या महापंचायत के ही वार्ता के लिए तैयार है, तो फिर आंदोलन क्यों? : जवाहर सिंह बेढम
इस बीच गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि कुछ लोग लगातार सरकार के खिलाफ बोलते रहने की जिद पर अड़े हुए हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार बिना किसी आंदोलन या महापंचायत के ही वार्ता के लिए तैयार है, तो फिर आंदोलन क्यों? मंत्री ने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में संवाद ही समस्याओं का समाधान है और सरकार समाज की सभी वाजिब मांगों पर संवेदनशीलता से विचार कर रही है।
गौरतलब है कि गुर्जर समाज द्वारा पहले भी कई बार आरक्षण की मांग को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन किए जा चुके हैं। इस बार भी स्थिति गंभीर होती जा रही है और यदि सरकार की ओर से समय रहते कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन उग्र हो सकता है।