राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर समाज अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन के मुहाने पर खड़ा है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने राज्य सरकार को रविवार दोपहर 12 बजे तक का अंतिम अल्टीमेटम दे दिया है। उनका कहना है कि यदि सरकार ने तय समय तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो पीलूपुरा में आयोजित महापंचायत आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेगी — या तो पटरी जाम होगी या लोग अपने घर जाएंगे।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष बैंसला ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वे सरकार के पास नहीं जाएंगे, बल्कि सरकार को चाहिए कि किसी सक्षम IAS अधिकारी के माध्यम से लिखित प्रस्ताव भेजे, जिसे वे महापंचायत में पढ़कर समाज के सामने रखेंगे। फैसला फिर समाज का होगा।
गौरतलब है कि गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी बैंसला के निधन के बाद यह पहली बड़ी महापंचायत आयोजित की जा रही है, जिसमें भारी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हो रहे हैं। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो रेल मार्ग अवरुद्ध किए जाएंगे और राज्यभर की सड़कें-जाम कर दी जाएंगी।
गौरतलब है कि तब समझौता हुआ था, उनमें ये महत्वपूर्ण बिन्दु:
एमबीसी आरक्षण को नवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र लिखेगी सरकार।
देवनारायण योजना का क्रियान्वयन।
एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ दिया जाएगा।
2013 से 2018 तक की बैकलॉग भर्ती सहमति के प्रयास।
इस समझौते के बाद गहलोत सरकार ने 5 फीसदी एमबीसी आरक्षण का नया विधेयक पास करवाया। एमबीसी आरक्षण को नवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए विधानसभा से संकल्प पारित करवाकर केंद्र को भेजा, जो अब तक लंबित है। गुर्जर सहित पांच जातियों को 5 फीसदी एमबीसी आरक्षण तब से लागू है।