राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) एक बार फिर सियासी उठापटक और आंतरिक खींचतान का केंद्र बन गया है। RCA की एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी द्वारा पाली और बीकानेर जिला क्रिकेट संघ को निलंबित किए जाने के बाद विवाद और गहराता नजर आ रहा है। इस कार्रवाई के विरोध में अब एडहॉक कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
धनंजय सिंह खींवसर, धर्मवीर सिंह शेखावत, रतन सिंह और हरिश्चंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को एक पत्र लिखकर मौजूदा एडहॉक कमेटी के सभी निर्णयों को रद्द करने की मांग की है। यही नहीं, यह पत्र राजस्थान सरकार और RCA के लोकपाल रिटायर्ड जस्टिस दीपक वर्मा को भी भेजा गया है।
चारों सदस्यों ने आरोप लगाया है कि कन्वीनर बिहाणी और सदस्य विमल शर्मा RCA में एकतरफा और मनमाने फैसले ले रहे हैं, जिनमें अन्य सदस्यों की कोई सहमति नहीं है। पत्र में लिखा गया है कि “एडहॉक कमेटी में निर्णय सामूहिक सहमति से होने चाहिए, लेकिन अभी जो निर्णय हो रहे हैं, वे केवल दो सदस्यों द्वारा लिए जा रहे हैं।”
सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि लोकपाल और आचार संहिता अधिकारी की नियुक्ति, RCA के संविधान और प्रक्रिया के विरुद्ध, बहुमत सदस्यों की अनदेखी कर की गई है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि AGM (एनुअल जनरल मीटिंग) को भी नियमों के विरुद्ध बुलाया गया, जिसमें सभी सदस्यों को विश्वास में नहीं लिया गया।
इसके अलावा, पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कन्वीनर बिहाणी ने विभिन्न कमेटियों और सिलेक्टर्स की नियुक्ति भी मनमाने ढंग से शुरू कर दी है, जबकि ऐसी नियुक्तियों का अधिकार एडहॉक कमेटी की सामूहिक सहमति से ही किया जाना चाहिए।