Friday, 06 June 2025

झुंझुनूं रोडवेज डिपो में 89 लाख का वेतन घोटाला: 24 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित


झुंझुनूं रोडवेज डिपो में 89 लाख का वेतन घोटाला: 24 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के झुंझुनूं डिपो में करोड़ों के वेतन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जांच में सामने आया कि कई कर्मचारी तीन वर्षों से बिना ड्यूटी किए वेतन उठा रहे थे, और यह फर्जीवाड़ा एक संगठित गिरोह द्वारा अंजाम दिया जा रहा था। इस गंभीर अनियमितता के सामने आने के बाद रोडवेज प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 24 अधिकारी-कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

निलंबित किए गए कर्मचारियों में मुख्य आगार प्रबंधक गणेश शर्मा, प्रबंधक (यातायात, संचालन, लेखा, प्रशासन), यातायात निरीक्षक, 11 परिचालक, 5 चालक और 2 सहायक कर्मचारी शामिल हैं। गणेश शर्मा को हटाकर उनके स्थान पर गिरीराज स्वामी को नया मुख्य आगार प्रबंधक नियुक्त किया गया है।

इस पूरे घोटाले का खुलासा तब हुआ जब राज्य सरकार को मई 2024 में एसीबी जयपुर को एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें कर्मचारियों के बिना कार्य किए वेतन उठाने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद एसीबी ने रोडवेज मुख्यालय को जांच सौंप दी, जिसने संभागीय प्रबंधक अवधेश शर्मा और सहायक संभागीय प्रबंधक उमेश नागर की उच्च स्तरीय टीम को झुंझुनूं भेजकर जांच करवाई। टीम ने रजिस्टर, उपस्थिति एवं वेतन रिकॉर्ड की गहन पड़ताल की और पाया कि करीब 89 लाख रुपये का वेतन फर्जी तरीके से उठाया गया।

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इस डिपो में अधिकारियों व कर्मचारियों ने ऐसा संगठित तंत्र बना रखा था, जिसमें कर्मचारी अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराने की एवज में वेतन का हिस्सा अधिकारियों को दे देते थे। अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करवा देते और पूरा वेतन बनवाया जाता था।

रोडवेज चेयरपर्सन शुभ्रा सिंह ने बताया कि 16 कर्मचारियों की लगातार गैरहाजिरी के बावजूद वेतन मिलने की शिकायत सही पाई गई। इसके आधार पर न केवल वर्तमान 24 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित किए हैं, बल्कि वर्ष 2020 से अब तक झुंझुनूं आगार में तैनात सभी प्रबंधकों को CCA नोटिस और 7 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी करने का निर्णय भी लिया गया है। साथ ही, संबंधित जोनल मैनेजर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

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