जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस कार्यालय में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर 2020 के मानेसर राजनीतिक संकट का जिक्र किया। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उसी मानेसर प्रकरण की देन हैं, जब तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजनीति में संकट कई बार नई परिस्थितियां पैदा करता है। मेरी तीसरी पारी एक चमत्कार की तरह थी। हाईकमान का आशीर्वाद और कार्यकर्ताओं की दुआओं से ही सरकार पांच साल चली।” गहलोत का यह बयान सीधे तौर पर जुलाई 2020 की ओर इशारा करता है, जब सचिन पायलट खेमे की बगावत के चलते सरकार गिरने के कगार पर थी। इस बगावत के बाद ही गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने राजनीतिक कौशल की तुलना एक जादूगर से करते हुए कहा, “हम जादूगर हैं, ट्रिक करते हैं और लोग उसे चमत्कार मान लेते हैं।” उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अपनाने की सलाह भी दी।
भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब देश की नंबर 1 और नंबर 2 शक्तियां सरकार गिराने पर तुल जाएं तो कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में यही हुआ, लेकिन राजस्थान में चमत्कार हुआ और सरकार बच गई।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने भाषण की शुरुआत राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने राजीव गांधी को सूचना क्रांति, पंचायती राज और आईटी क्षेत्र के अग्रदूत के रूप में याद किया और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने की सलाह दी।
उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने ही गरीबों, पिछड़ों और वंचितों को आगे बढ़ाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान ने राजस्थान की सियासत में नई हलचल मचा दी है, खासकर जब कांग्रेस आगामी समय में संगठनात्मक मजबूती और रणनीतिक पुनर्गठन की कोशिशों में जुटी है।