Monday, 19 May 2025

मुख्यमंत्री के दौरे से पहले प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली का सरकार पर हमला, सरस डेयरी से लेकर कानून व्यवस्था तक लगाए गंभीर आरोप


मुख्यमंत्री के दौरे से पहले प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली का सरकार पर हमला, सरस डेयरी से लेकर कानून व्यवस्था तक लगाए गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रस्तावित अलवर दौरे से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर तीखा हमला बोला। जूली ने प्रेसवार्ता कर भाजपा सरकार पर संस्थाओं का राजनीतिक दुरुपयोग, प्रशासनिक लापरवाही, और विकास कार्यों की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप लगाए।

सरस डेयरी प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पहले एमपी-एमएलए के इस्तीफे दिलवाए जाते थे और अब सरकार द्वारा सरस डेयरी के डायरेक्टर्स से इस्तीफे लेकर बोर्ड को भंग किया गया है। उन्होंने कहा कि डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर को बेवजह हटाया गया, जबकि उन पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुए थे और उन्होंने फर्जी चिप और मिलावट जैसे मामलों का पर्दाफाश कर सराहनीय कार्य किया था।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव पर भी सीधा हमला करते हुए कहा कि उनके आसपास भूमाफिया और शराब माफिया जैसे तत्व सक्रिय हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मालाखेड़ा में शराब ठेकेदार भाजपा नेताओं की तस्वीरों के साथ स्वागत कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि सत्ता संरक्षित माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यकाल की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि पैरा मिलिट्री फोर्सेज की तैनाती, मेडिकल कॉलेज, ओवरब्रिज, ऑडिटोरियम और अन्य अनेक कार्य कांग्रेस शासन में हुए, लेकिन भाजपा सरकार अब इन कार्यों को रोकने में जुटी है।

अलवर में विकास कार्यों की धीमी गति और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए जूली ने कहा कि कोटकासिम एयरपोर्ट का कार्य लंबे समय से अटका हुआ है, सेना की भर्तियां भी सीमित कर दी गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी के घर के पीछे गो-तस्करी हो रही है, और बानसूर में मंदिर तोड़े जा रहे हैं, इसके बावजूद सरकार कांग्रेस को हिंदू विरोधी साबित करने में लगी है।

प्रशासनिक ढीलेपन पर निशाना साधते हुए उन्होंने बताया कि वन मंत्री के दौरे में कुशलगढ़ नाके पर कर्मचारी सोते मिले, जिससे सरकार की सतर्कता और कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं।

जूली ने मांग की कि अलवर को संभाग बनाया जाए, क्योंकि जिले में उच्च न्यायालय की बेंच समेत तीन नए जिले पहले ही घोषित हो चुके हैं। उन्होंने जल संकट पर बोलते हुए कहा कि सिलीसेढ़ से जल लाने की योजना स्थायी समाधान नहीं है, ईआरसीपी ही एकमात्र रास्ता है जिससे पूरे जिले को राहत मिल सकती है।

उन्होंने कठूमर प्रधान, भिंडूसी सरपंच और कोटकासिम प्रधान को हटाने के फैसले का विरोध किया और कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना चाहते हैं, ताकि जनता की आवाज सरकार तक पहुंचे।

Previous
Next

Related Posts