जयपुर। हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरशद अली को गुरुवार को जयपुर महानगर प्रथम की एसीजेएम-6 कोर्ट (अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम सं. 6) ने गिरफ्तारी वारंट के तहत तलब कर दो घंटे के लिए कस्टडी में भेज दिया।
एसपी अरशद अली को कोर्ट ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट एवं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम से संबंधित एक विचाराधीन मामले में गवाह के रूप में पेश होने के लिए तलब किया था। लेकिन कोर्ट रूम में जब वे पहुंचे, तो उन्होंने कुर्सी पर बैठे-बैठे ही जज कल्पना पारीक से सवाल कर दिया कि उन्हें गिरफ्तारी वारंट के माध्यम से क्यों तलब किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) से पेश हो सकते थे।
इस व्यवहार से नाराज कोर्ट ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन एसपी ने अपनी गलती नहीं मानी। इसके बाद जज कल्पना पारीक ने कोर्ट रूम में चालानी गार्ड बुलाकर दो घंटे के लिए उन्हें कस्टडी में भेजने के आदेश दे दिए।
लंच ब्रेक के बाद एसपी अरशद अली को जब साक्ष्य के लिए पुनः तलब किया गया तो उन्होंने अपने व्यवहार पर खेद प्रकट किया और स्वास्थ्य कारणों से समय देने की गुहार लगाई। लेकिन कोर्ट ने समय देने से इनकार करते हुए उन्हें बैठने के लिए कुर्सी दी और सरकारी वकील की मौजूदगी में उनके बयान दर्ज कराए।
यह मामला न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा और कानून के समक्ष सभी नागरिकों की समानता को दर्शाता है। कोर्ट के इस सख्त रुख को न्यायिक अधिकारों की दृढ़ता और जवाबदेही के उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।