जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को गृह विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और किसी भी तरह की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रदेश की सभी जेलों में सघन तलाशी अभियान चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह अभियान पुलिस एवं मजिस्ट्रेट की निगरानी में नियमित एवं औचक रूप से किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी जेल से मोबाइल फोन, नशीली वस्तुएं या कोई भी अवांछित सामग्री बरामद होती है, तो संबंधित जेल कर्मचारियों व अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि जेलों में अवैध सामग्री पहुंचाने वाले नेटवर्क को चिन्हित किया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि जेल परिसर में निगरानी बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए तथा गार्डों और स्टाफ के गैजेट्स जेल परिसर के बाहर रखवाने की सख्त व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री शर्मा ने जेलों में नवीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम (VC Rooms) के निर्माण कार्यों में तेजी लाने और कोर्ट पेशियों को वीसी के माध्यम से ही कराने की दिशा में कदम बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे सुरक्षा जोखिम कम होंगे और संसाधनों की बचत होगी। साथ ही, उन्होंने आधुनिक मोबाइल जैमर लगाने की भी आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जिन जेल परिसरों का स्थानांतरण प्रस्तावित है, उनके लिए शीघ्र कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही, चालानी गार्डों एवं अन्य जेल कार्मिकों की नियत समय पर अदला-बदली भी की जाए, ताकि एक ही स्थान पर लंबे समय तक तैनाती से होने वाली गड़बड़ियों को रोका जा सके।
इस समीक्षा बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) श्री आनंद कुमार, डीजी इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल, डीजी जेल गोविंद गुप्ता, पुलिस कमिश्नर जयपुर बीजू जॉर्ज जोसफ, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।