जयपुर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुरुवार को सदन में प्रश्नकाल को अधिक प्रभावी और जनहितकारी बनाने के लिए सदस्यों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि विधायकगण पूरक प्रश्नों की अच्छी तैयारी के साथ सदन में उपस्थित होंगे, तो सरकार की ओर से भी जवाब संक्षिप्त, बिंदुवार और सार्थक आएंगे। इससे प्रश्नकाल की उपयोगिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी तथा जनता की समस्याएं अधिक प्रभावी रूप से उठाई जा सकेंगी।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सुझाव दिया कि विधायकगण को प्रश्नों के संदर्भ में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलना चाहिए, जिससे वे विषयवस्तु पर केंद्रित रहते हुए प्रश्न प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रीगण को विधायकों की भावना के अनुरूप और विषय पर केंद्रित उत्तर देना चाहिए, न कि लंबे-चौड़े या विषयांतर जवाब।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्रश्न किसी विधायक के विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा हो, तो उत्तर भी उसी क्षेत्र तक सीमित रहना चाहिए। वहीं, यदि प्रश्न राज्यस्तरीय हो, तो राज्य स्तर की जानकारी दी जानी चाहिए। इस प्रक्रिया से प्रश्न-उत्तर दोनों अधिक तथ्यात्मक, उपयोगी और जनहितकारी होंगे।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि यदि मंत्री और विधायक दोनों प्रश्नकाल को गंभीरता से लेकर तैयारी के साथ भाग लें, तो इससे सदन की कार्यवाही और आमजन की सहभागिता दोनों को मजबूती मिलेगी।