अलवर कृषि मंत्री और अलवर जिले के प्रभारी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा गुरुवार शाम बिना पूर्व सूचना के यूआईटी कार्यालय पहुंच गए, जहां उन्होंने सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमणों का रिकॉर्ड तलब किया। उन्होंने अधिकारियों से सीधा सवाल किया कि अब तक कितनी जमीन पर कब्जा है और यूआईटी उसे हटाने में क्यों असफल रही है।
अधिकारियों ने जब पुलिस जाब्ता नहीं मिलने को कार्रवाई न करने का कारण बताया, तो कृषि मंत्री और अलवर जिले के प्रभारी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "क्या अधिकारी इतने हेल्पलैस हैं? मंदिर माफी की जमीन पर कब्जा करना कुकर्म करने जैसा है। अब कोई भी गलत काम करने वाला बख्शा नहीं जाएगा।
अधिकारियों ने कृषि मंत्री और अलवर जिले के प्रभारी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को बताया कि कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग करने वालों की लिस्ट तैयार है, लेकिन कार्रवाई के लिए पुलिस बल की आवश्यकता है। इस पर मंत्री ने कहा कि "यूआईटी को अब कार्रवाई पर ही फोकस करना होगा, मैं समय-समय पर इसकी समीक्षा खुद करूंगा। अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि "कुछ दलालों के कारण अधिकारी दबाव में रहते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। किसी भी पार्टी के हो, गलत करने वालों पर कार्रवाई होगी।"
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सिलीसेढ़ झील का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने झील किनारे एक होटल के अवैध निर्माण पर अधिकारियों से जवाब मांगा। जब अधिकारियों ने बताया कि नोटिस दे दिए गए हैं, तो मंत्री ने सिलीसेढ़ झील के चारों ओर हुए सभी अतिक्रमणों को हटाने के सख्त आदेश जारी कर दिए।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सरकारी और मंदिर की जमीनों पर कब्जा करने वाले चाहे किसी भी पार्टी से हों, हम इस मामले को सरकार के उच्च स्तर तक ले जाएंगे और कड़ी कार्रवाई कराएंगे।"