राजस्थान विधानसभा में 6 फरवरी को नए जिलों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव लाकर सरकार से जवाब मांगा, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में नारेबाजी और हंगामा किया।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने नए जिलों और समाप्त किए गए संभागों की तथ्यात्मक रिपोर्ट नहीं दी।कांग्रेस ने सरकार के जवाब को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे भ्रामक करार दिया।
कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस का आरोप – "राजनीतिक मंशा से खत्म किए गए जिले और संभाग":कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी ने सरकार पर आरोप लगाया कि नीम का थाना सहित 9 जिले और 3 संभाग राजनीति के चलते खत्म किए गए।उन्होंने कहा कि सरकार ने इन जिलों को खत्म करने से पहले किसी भी तथ्यात्मक रिपोर्ट पर आधारित जांच नहीं कराई।विधायक रामकेश मीणा ने आरोप लगाया कि भाजपा की बनाई गई कमेटी ने जिलों और संभागों को निरस्त करने का पक्षपातपूर्ण निर्णय लिया।उन्होंने कहा कि ललित के. पवार (भाजपा नेता) की अध्यक्षता वाली समिति ने पार्टी के अनुरूप निर्णय लिया, जिससे जिलों का पुनर्गठन अन्यायपूर्ण तरीके से किया गया।
कांग्रेस ने डीग, सांचौर और गंगापुर सिटी को लेकर सवाल उठाए:रामकेश मीणा ने सवाल उठाया कि डीग जिला भरतपुर से केवल 38 किलोमीटर दूर है, फिर भी इसे जिला बना रहने दिया गया।वहीं, सांचौर जो जालौर से 138 किलोमीटर दूर है, उसे समाप्त कर दिया गया, जो अन्यायपूर्ण है।उन्होंने गंगापुर सिटी जिले को खत्म करने का भी विरोध किया और कहा कि यह मापदंडों के अनुरूप था।