18वीं लोकसभा के बजट सत्र का पहला दिन विवादों के साथ शुरू हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में 59 मिनट का अभिभाषण दिया, लेकिन इस पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों से राजनीतिक घमासान मच गया।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के लिए ‘बेचारी’ शब्द का इस्तेमाल किया, जबकि राहुल गांधी ने उनके भाषण को ‘बोरिंग’ कहा।
भाजपा ने इसे राष्ट्रपति और आदिवासी समाज का अपमान बताया और सोनिया गांधी से माफी की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा-"राष्ट्रपति के लिए ऐसे बयान गरीबों और आदिवासियों का अपमान हैं। विपक्ष को अपनी भाषा पर ध्यान देना चाहिए।"
राष्ट्रपति भवन के प्रेस सेक्रेटरी ने भी सोनिया गांधी के बयान को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला’ बताया।
राहुल गांधी ने कहा कि भाषण बेहद उबाऊ था और इसमें जमीनी हकीकत का जिक्र नहीं था।
भाजपा प्रवक्ता ने सोनिया गांधी से तत्काल माफी की मांग की।
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आर्थिक विकास और भविष्य की योजनाएं:सरकार के अगले 5 वर्षों के विकास रोडमैप का जिक्र।बजट 2025 में गरीबों और युवाओं के लिए नई योजनाएं आने की उम्मीद।